इंदौर। मध्यप्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में मुख्य शिकायतकर्ता के रूप में प्रकाश में आये इंदौर नगर निगम के अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह को निगम आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने बताया कि निगम में प्रति नियुक्ति पर पदस्थ हरभजन सिंह के संबंध में मीडिया के माध्यमों से इनके अनैतिक कार्य में संलिप्त होने की स्थितियाँ प्रकाश में आई हैं। साथ ही प्रचलित विवादित प्रकरण में यहाँ थाना पलासिया ने एक प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की है।
प्रथम दृष्ट्या हरभजन सिंह का कृत्य अशोभनीय होकर नैतिक पतन के परिचायक होने के चलते इन्हें आज निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान हरभजन को पंपिंग स्टेशन जलूद में संलग्न कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार को इंदौर पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया था कि भोपाल निवासी 5 महिलाओं समेत कुल 6 आरोपियों को हनीट्रैप के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। बीती 17 सितंबर को पीड़ित हरभजन सिंह ने उन्हें हनीट्रैप कर तीन करोड़ रुपए के लिए ब्लैकमेल किए जाने की एक शिकायत दर्ज कराई थी।
इस हाई प्रोफाइल मामले के सुर्खियों में आने के बाद से ही हरभजन के चरित्र को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। इसी क्रम में कल (22 सितंबर) इंदौर महापौर और भारतीय जनता पार्टी विधायक मालिनी गौर ने हरभजन को सेवा से बर्खास्त किए जाने की मांग की थी।