नयी दिल्ली । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शनिवार को कहा कि बहुप्रतीक्षित मानव तस्करी रोधी विधेयक 2018 के संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पारित होने की संभावना है।
गांधी ने यहां अपनी एक बाल पुस्तक ‘ देअर इज मोनस्टर अंडर माई बैड’ के बारे में अायोजित एक समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा कि प्रस्तावित मानव तस्करी रोधी (निषेध, संरक्षण एवं पुनर्वास) विधेयक 2018 संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पारित होने की उम्मीद है। यह विधेयक लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान पारित हो चुका है और राज्यसभा में लंबित है। इसमें मानव तस्करी के मामलों में पीड़ित, प्रत्यक्षदर्शी आैर शिकायतकर्ता की गोपनीयता का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा यह विधेयक संबंधित मामलों का नियत अवधि में निपटारा और पीड़ित की वापसी का प्रावधान भी करता है।
उन्होंने कहा कि विधेयक यौनकर्मियों और पीड़ितों के लिए दंडात्मक प्रावधान नहीं करता है बल्कि मानव तस्करों को लक्षित करता है। विधेयक मानव तस्करी से पीड़ित लोगों के प्रति सकारात्मक रुख रखेगा। इसमें मानव तस्करी रोकने के लिए जिला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रणाली बनाने का प्रावधान किया गया है। दोषियों के लिए कम से कम एक लाख रुपए के दंड और 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। विधेयक को व्यापक बनाते हुए जबरन मजदूरी, भीख मंगवाने तथा जबरन विवाह को भी इसमें शामिल किया गया है। बच्चों के मनोवैज्ञानिक भय पर आधारित यह पुस्तक श्रीमती गांधी ने लिखी है। यह पुस्तक जनवरी में बाजार में आने की उम्मीद है।