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रंजन गोगोई आखिर इतनी जल्दी कैसे बन गए राज्यसभा सांसद ? - Sabguru News
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रंजन गोगोई आखिर इतनी जल्दी कैसे बन गए राज्यसभा सांसद ?

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रंजन गोगोई आखिर इतनी जल्दी कैसे बन गए राज्यसभा सांसद ?
How did Ranjan Gogoi become a Rajya Sabha MP so soon
How did Ranjan Gogoi become a Rajya Sabha MP so soon
How did Ranjan Gogoi become a Rajya Sabha MP so soon

नई दिल्ली। न्याय की दुहाई देने वाले पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई आखिरकार इतनी जल्दी राज्यसभा सांसद कैसे चुन लिए गए ? यह सवाल कांग्रेस, विपक्ष के साथ जनता भी आश्चर्यचकित है। गोगोई अब न्यायपालिका के बाद विधायिका में नई पारी की शुरू करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है, हालांकि गोगोई के राज्यसभा सांसद बनाने को लेकर केंद्र सरकार सीधे तौर पर बचती रही और केंद्र ने राष्ट्रपति के द्वारा रंजन गोगोई को संसद भेज दिया है।

विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। गोगोई सदन में जब शपथ ले रहे थे तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के कुछ सांसदों ने हंगामा किया। उन्होंने विरोध के नारे भी लगाए और सदन से वॉकआउट कर गए। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि हमें आपत्तियां हैं, वह एक विवादास्पद मुख्य न्यायाधीश थे। यहां हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार 12 जनवरी 2018 को रंजन गोगोई सहित सर्वोच्च न्यायालय के चार जजों ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के तौर-तरीकों को लेकर सार्वजनिक तौर पर सवाल खड़े किए थे।

गोगोई ने ये फैसले किए थे खारिज, केंद्र सरकार को मिली थी राहत

राफेल डील की जांच के लिए दाखिल रिव्यू पिटिशन को तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए जस्टिस गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने सरकार को क्लीन चिट दी। संविधान पीठ ने कहा कि मामले की अलग से जांच करने की कोई आवश्वयकता नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार की दलीलों को तर्कसंगत और पर्याप्त बताते हुए मानते हुए कहा था कि केस के मेरिट को देखते हुए फिर से जांच के आदेश देने की जरूरत नहीं है।

शीर्ष अदालत ने14 दिसंबर 2018 को राफेल खरीद प्रक्रिया और इंडियन ऑफसेट पार्टनर के चुनाव में सरकार द्वारा भारतीय कंपनी को फेवर किए जाने के आरोपों की जांच की गुहार लगाने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। यही नहीं राफेल डील की जांच की मांग वाली रिव्यू पिटिशन खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ‘चौकीदार चोर है’ वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर उन्हें नसीहत दी थी, कोर्ट ने राहुल गांधी की माफी को स्वीकार करते हुए अवमानना याचिका तो खारिज कर दी थी, पर यह भी कहा था कि वे भविष्य में ऐसी बयानबाजी से बचें।

आपको बता दें कि बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ बयान को सुप्रीम कोर्ट से जोड़ने पर अवमानना याचिका दाखिल की थी। दरअसल, राफेल मामले में मोदी सरकार पर हमला करने के लिए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर टिप्पणी की थी। सारा विवाद इसी पर था। तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिए लंबित इस मामले पर सुनवाई पूरी की थी। इसके साथ ही राहुल गांधी को भविष्य में संभलकर बोलने की नसीहत भी दी गई थी।

चीफ जस्टिस रहते हुए ऐतिहासिक फैसले सुनाने पर सुर्खियों में आए थे गोगोई

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 सदस्यीय बेंच ने फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया। शीर्ष कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्षकार (सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) को अयोध्या में अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिए थे।

इसके बाद जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने चीफ जस्टिस के ऑफिस को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में आने को लेकर फैसला सुनाया, इसमें कोर्ट ने कहा कि चीफ जस्टिस का ऑफिस भी पब्लिक अथॉरिटी है। लिहाजा चीफ जस्टिस के ऑफिस से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी जा सकती है। सबरीमाला मामला, जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। साथ ही मामले को सुप्रीम कोर्ट की 7 सदस्यीय बड़ी बेंच को भेज दिया।

रंजन गोगोई बोले, कांग्रेस के सवालों का जवाब मैं बाद में दूंगा

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई का राज्यसभा सदस्य नामित हाेना कांग्रेस को ही पसंद नहीं आया है। रंजन गोगोई अभी भारत के मुख्य न्यायाधीश थे लगभग 4 माह पहले ही यह रिटायर हुए थे। दूसरी ओर इनके केंद्र सरकार से भी बाहरी तौर पर ज्यादा अच्छे संबंध नहीं थे। लेकिन मोदी सरकार और रंजन गोगोई के बीच अंदर के जो संबंध थे वह अब राज्यसभा सभा की उम्मीदवारी के रूप में सामने आया है, तभी कांग्रेस हल्ला मचा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा है कि मैं सारे सवालों के जवाब बाद में दूंगा।

रंजन गोगोई ने कहा था कि मैं शपथ लेने के बाद बताऊंगा कि मैंने क्यों राज्यसभा जाने का प्रस्ताव स्वीकार किया। इससे पहले कपिल सिब्बल ने कहा था कि यही जस्टिस गोगोई ने सीजेआई रहते रिटायरमेंट के बाद पद ग्रहण करने को संस्था पर धब्बा जैसा बताया था और अब खुद शपथ ग्रहण कर रहे हैं। हमें इस मामले में कानूनी पहलू पर जाने की जगह पब्लिक परसेप्शन पर ध्यान देना चाहिए, हमें सोचना चाहिए कि इससे ज्यूडिशियल सिस्टम को लेकर जनता में क्या संदेश जा रहा है। लेकिन गुरुवार को रंजन गोगोई के राज सभा सांसद की शपथ लेने के बाद भी उन्होंने कांग्रेस के सवालों का जवाब नहीं दिया, शायद अभी कांग्रेस को गोगोई के सवालों के जवाब जानने के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार