सबगुरु न्यूज। पाकिस्तान का नाम आते ही जेहन में आतंकवाद वह क्रूर चेहरा भी आ जाता है। पाक में बम विस्फोट आतंकी हमले बहुत आम बात हो चली है। इस देश में छोटे-मोटे धमाके तो आए दिन होते रहते हैं। भारत समेत दुनिया भर के तमाम देशों के लिए यह पाकिस्तान आतंकवाद का एक ऐसा पर्याय बन चुका है जिसमें आतंक की जड़ें बहुत ही गहरी हो गई हैं। आज पाकिस्तान के बारे में इसीलिए बात की जा रही है कि सोमवार को उसका औद्योगिक शहर कराची एक बार फिर आतंकियों के हमले से दहल गया। कराची के स्टॉक एक्सचेंज में हुए हमले में पांच लोगों की मौत हो गई। सात लोग घायल हैं। आतंकियों ने स्टॉक एक्सचेंज के एंट्रेंस गेट पर हैंड ग्रेनेड फेंका। जिससे वहां भगदड़ मच गई।
लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। पाकिस्तान के पाले आतंकवादी उसी के लिए भस्मासुर बनते जा रहे हैं। अभी पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में बाकायदा खड़े होकर ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था। लादेन के शहीद वाले बयान पर प्रधानमंत्री इमरान की भारत समेत कई देशों ने आलोचना भी की थी। आतंकियों को शहीद कहने पर आज कराची हमला इमरान खान सरकार को इसका जवाब भी मिल गया है। इस हमले ने साबित कर दिया है कि पाक के आतंकी ग्रुप उसी पर भारी पड़ रहे हैं। अमेरिका समेत तमाम देशों के भारी दबाव के बाद भी पाक सरकार आतंकवादियों के सफाए के लिए कोई ठोस पहल नहीं करती है। बता दें कि पाकिस्तान में कुछ आतंकवादी संगठन ऐसे भी हैं जिनका सरकारों और वहां की सेना में पूरी तरह नियंत्रण और हस्तक्षेप रहता है।
पाकिस्तान को भी आतंकवाद की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान आतंकवाद से परेशान न हो वहां की आवाम को भी इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आतंकी हमले में तमाम ऐसे बेगुनाहों की जानें चली जाती है जिसका आतंकियों से कोई सरोकार नहीं होता है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में कई बड़े बम विस्फोट हुए हैं जिसमें सैकड़ों बेगुनाह मारे गए थे। वर्ष 2014 में पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए एक आतंकी हमले में 141 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
जिनमें 132 से ज्यादा बच्चे थे। इस हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली थी। जिसे खुद पाकिस्तान सरकार ने पाला था। ऐसे ही 2017 में सिंध प्रांत के शाहबाज कलंदर दरगाह में हुए एक आत्मघाती हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद 2017 में ही लाहौर में हुए एक ब्लास्ट में 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसी साल पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के करीब धमाके की वजह 25 लोग मारे गए थे।अगस्त 2016 को पाक के क्वेटा के सिविल अस्पताल में एक आत्मघाती हमले में 70 लोगों की मौत हुई थी।
आतंकियों की वकालत करने वाला पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है
अब तो पाकिस्तान आतंकवादियों की वकालत खुलेआम करने लगा है। चाहे पाकिस्तान की कोई भी सरकार हो या उसकी सेना आतंकवादी संगठनों के बिना आगे बढ़ नहीं पाती है। भारत के खिलाफ जम्मू कश्मीर के रास्ते से लगातार आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा पाक दुनिया भर में बदनाम हो गया है। अब विश्व के कई देशों के आतंकी भी पाकिस्तान को अपना छिपने का सबसे सुरक्षित ठिकाना भी मानने लगे हैं। पाक का शायद ही कोई ऐसा शहर होगा जहां आतंकवादी नेटवर्क न हो।
पर्यटक हो चाहे कोई भी देश की क्रिकेट टीम हो आज पाकिस्तान जाना पसंद नहीं करती है। अब उसके पाले-पोसे आतंकवादी ही उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। पाकिस्तान में गत कई सालों में कई आतंकी हमले हुए हैं। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को अपनी जमीन मुहैया कराने वाले पाकिस्तान ने इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कई बार अपने फायदे के लिए किया है। दुनिया का मोस्ट वांटेंड आतंकवादी ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में ही मारा गया था। यही नहीं मुंबई हमले का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम भी पाकिस्तान में ही छिपा बैठा हुआ है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार