सबगुरु न्यूज। इस समय पूरी दुनिया इस महामारी के आगे दवा, वैक्सीन, दुआओं और भविष्यवाणियों पर उम्मीद लगाए बैठी हुई है। उम्मीद क्यों न लगाए, इस महामारी के बढ़ते प्रभाव ने पूरे मानव समाज को खतरे में डाल रखा है। करोड़ों व्यक्ति रोज सुबह कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर कोई अच्छी खबर जानने के लिए उत्सुक रहता है, लेकिन हर रोज उसे निराशा ही मिलती रही है। आइए इस खतरनाक वायरस के खात्मे को लेकर की गई भविष्यवाणी की बात की जाए। कोरोना महामारी पर दो बड़ी भविष्यवाणियां की गई हैं। इन भविष्यवाणियों का आधार कोरोना से जुड़ा डेटा और गहन रिसर्च है।
इन भविष्यवाणियों का सार ये है कि भारत में अगले महीने यानी मई में कोरोना का प्रकोप काफी हद तक कम हो जाएगा। सब ठीक रहा तो 18 जून को देश कोरोना से मुक्ति भी पा लेगा। भारत में कोरोना के भविष्य को लेकर दो बड़ी भविष्यवाणियां- पहली सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन की है और दूसरी खुद भारत सरकार की है। दोनों ने अपने अपने रिसर्च के हिसाब से दावा किया है कि मई का महीना भारत के लिए शुभ समाचार लेकर आएगा। मई का महीना कोरोना महामारी से मुक्ति का महीना साबित होगा।
18 जून तक क्या कोरोना मुक्त होगा भारत
सबसे पहले बात सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन की भविष्यवाणी की। इस भविष्यवाणी के मुताबिक, भारत में 21 मई तक कोरोना के 97 प्रतिशत तक खत्म होने का अनुमान है। यही नहीं, स्टडी के मुताबिक भारत में संक्रमण पूरी तरह से 18 जून तक खत्म होने का अनुमान है। यूनिवर्सिटी की स्टडी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वायरस के फैलने की रफ्तार का विश्लेषण किया गया है।
ये डेटा मरीज के ठीक और संक्रमित होने पर आधारित है। स्टडी में ये भी अनुमान लगाया गया है कि दुनिया से वायरस को 100 फीसदी खत्म होने में 8 दिसंबर तक का समय लग सकता है। सिंगापुर यूनिवर्सिटी की ये भविष्यवाणी कितनी सच होती है, ये तो आने वाले दिनों में पता चल जाएगा। कोविड-19 पर बनी भारत सरकार की हाईपावर कमेटी ने जो बताया, उसमें और सिंगापुर यूनिवर्सिटी की स्टडी में एक बात कॉमन है। दोनों में भारत में कोरोना वायरस पर मई महीने तक जीत पा लेने का अनुमान लगाया गया है।
भारत सरकार की यह है दूसरी भविष्यवाणी
कोरोना को लेकर भारत सरकार की तरफ से गणना पेश की गई है। इस गणना के मुताबिक लॉकडाउन के पहले हफ्ते (24-30 मार्च) के दौरान देश में कोरोना संक्रमण के मामले 5.2 दिनों में दोगुने हो रहे थे। दूसरे हफ्ते (31 मार्च-6 अप्रैल) में केस के बढ़ने की रफ्तार थोड़ी बढ़ गई और ये महज 4.2 दिनों में दोगुनी होने लगी। तीसरे हफ्ते (7-13 अप्रैल) में 6 दिनों में तो चौथे (14-20 अप्रैल) हफ्ते में केसों के दोगुने होने की रफ्तार 8.6 दिन हो गई।
इसके बाद 21 अप्रैल से शुरू हुए पांचवें हफ्ते में अब तक के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के मामले 10 दिनों में दोगुने हो रहे हैं।भारत सरकार की इस गणना में देश में कोरोना महामारी के चरम पर पहुंचने की तारीख 30 अप्रैल बताई गई है और फिर ये तेजी से घटते हुए 16 मई को अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाएगा। यानी वही हफ्ता जिसमें कोरोना के 97 फीसदी खत्म होने की भविष्यवाणी सिंगापुर की यूनिवर्सिटी ने की है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार