नई दिल्ली। विश्व में बहुत सारे स्थानों और अवसरों पर अंक 13 को अशुभ माना जाता है लेकिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के लिए यह अंक बहुत भाग्यशाली रहा है।
भारत की राजनीति में पांच दशकों तक किसी न किसी रूप में सक्रिय रहे मुखर्जी के जीवन से जुड़े नए खुलासे में यह बात सामने आई है कि उनकी उपलब्धियों ने अंक ज्योतिष को भी चुनौती दी है और अंक 13 उनके लिए बहुत शुभ साबित हुआ है।
पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि मेरे पिता के जीवन में अंक 13 का विशेष महत्व है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि मुखर्जी ने 13 जुलाई को ही पहली बार राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली थी।
उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी 13, तालकटोरा रोड, नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर 10 वर्षों तक रहे और इस अवधि में उनका राजनीतिक करियर शीर्ष पर पहुंचा।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रणब मुखर्जी के देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने से पहले कहा था कि उनके माता-पिता की शादी 13 जुलाई को ही हुई थी।
विश्व में अंक 13 के अशुभ होने की मान्यता के पीछे कई घटनाएं जिम्मेदार हैं। इनमें से एक ऐतिहासिक घटना यह है कि ईसा मसीह के लास्ट सपर (अंतिम भोज) में कुल 13 लोग शामिल हुए थे। ईसा मसीह के साथ विश्वासघात करने वाला उनका शिष्य जुडास इस्कैरियट अंतिम भोज में शामिल होने वाला 13वां व्यक्ति था।
इसके अलावा पोप जॉन पौल-द्वितीय को 13 मई 1981 को गोली मारी गई थी लेकिन सौभाग्य से वह जिंदा बच गए थे।