वाराणसी। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नाटीइमली में शनिवार को हर-हर महादेव एवं जय श्री राम के जयकारों के बीच विश्व प्रसिद्ध ‘भरत मिलाप’ का मंचन किया गया, जिसे देखने देशी-विदेशी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
मान्यता है कि यहां यह आयोजन करीब पौने पांच सौ वर्षों से दशहरे के अगले दिन लगातार होता आ रहा है जिसमें 14 वर्षों के वनवास से लौटे प्रभु श्रीराम एवं लक्ष्मण का अपने भाईयों भरत और शत्रुघ्न से भावुक मिलन का मंचन सूर्यास्त से पहले किया जाता है।
सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए यादव समुदाय के बहुत से लोग मिलकर खास तरह की लकड़ियों से तैयार 10 टन वजन के ‘पुष्पक विमान’ को अपने कंधों पर उठाते हैं। सफेद पोशोक पहने यादव बंधु विमान को अपने कंधों से खींच कर लीला स्थल पर चारों दिशाओं में भगवान के दर्शन को घंटों से व्याकुल श्रद्धालु नजदीक से दर्शन कराते हैं।
विमान पर भगवान राम एवं उनके भाइयों का नजदीक से दर्शन करने वाले लोग अपने को सौभ्यशाली मानते हैं और इसी वजह से वे घंटों पहले लीला स्थल पर पहुंच जाते हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार काशी नरेश हाथी पर सवार होकर लीला शुरु होने से ठीक पहले नाटीइमली के भरत मिलाप स्थल पर पहुंचे जिसके बाद ‘हर-हर महादेव एवं जय श्री राम के जयकारे के साथ ‘भरत मिलाप’ का मंचन शुरु हुआ।
इस भव्य धर्मिक आयोजन करने वाली श्री चित्रकूट राम लीला समिति के अध्यक्ष सुबोध अग्रवाल ने बताया कि हमेशा की तरह इस बार भी भरत मिलाप का मंचन सकुशल संपन्न हुआ, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए।