जयपुर। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने अलवर में बहरोड थाने में गोलियां बरसाने वाले बदमाशों को सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार 13 आरोपियों का पुलिस द्वारा सोमवार को कच्छे बनियान में सड़कों पर जुलूस निकालने के मामले को प्रसंज्ञान में लेते हुए आज पुलिस महानिदेशक को नोटिस देकर जवाब तलब किया है।
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश टांटिया ने प्रमुख समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों में प्रकाशित आरोपियों को अंत:वस्त्रों में भारी पुलिस सुरक्षा में सड़कों पर घुमाने के फोटो प्रकाशित होने पर संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक से इस सम्बन्ध में पुलिस का पक्ष आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए।
उन्होंने आदेश की प्रतिलिपि गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी भेजने के आदेश दिए। जस्टिस टांटिया ने आदेश दिए कि अतिरिक्त मुख्य सचिव अगर राज्य सरकार का मत आयोग में प्रस्तुत करना चाहे तो वह पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब करके अथवा अन्यों से राय लेकर सरकार का पक्ष रख सकते हैं, परन्तु पुलिस महानिदेशक या अन्य विभागों की रिपोर्ट आयोग को यथावत नहीं भेजी जाए।
जस्टिस टांटिया ने कहा कि आयोग के समक्ष विचारणीय विषय यह है कि 13 आरोपियों को हथकड़ी लगाकर अंत:वस्त्रों में पंक्तिबद्ध होकर प्रत्येक बंदी के आगे पीछे चार-पांच पुलिसकर्मियों द्वारा जुलूस में ले जाना और इन बंदियों के मानव अधिकार सुरक्षित रखना किस प्रकार से उचित है, इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को उनके जुलूस के रूप में निकालने के औचित्य बताएं।
उन्होंने आदेश में कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं से सर्वप्रथम राज्य की पुलिस की छवि पर प्रश्न उठते हैं। कानून की किन्हीं कमियों के कारण से या प्रशासनिक दृढ़ता के अभाव में पुलिस की छवि की रक्षा करना पुलिस का प्रथम कर्तव्य है। जस्टिस टांटिया ने कहा कि आयोग आशा करता है कि महानिदेशक पुलिस इस विषय पर अपने सुदृढ़ विचार प्रस्तुत करेंगे।
उल्लेखनीय है कि छह सितम्बर को बदमाश अलवर जिले के बहरोड थाने में गोलियां बरसाकर कुख्यात बदमाश विक्रम सिंह गुर्जर को छुड़ाकर ले गए। इस पर पुलिस ने अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों का पुलिस ने कल अलवर शहर में कड़ी सुरक्षा मेें अंत:वस्त्रों में जुलूस निकाला।