बिना पासवर्ड लगा हुआ
Wi-Fi मिल जाना भी
पिछले जन्म के किसी
पुण्य का ही परिणाम होता है।
भक्त : भगवान को बार बार फोन कर शिकायत कर रहा था……
हे भगवान…
ठंड बहुत लग रही है…
गर्मी कितनी है…
बरसात नही हो रही…
उमस बहुत है…
बारिश भयंकर है…
ग्राहकी नहीं चल रही है ….
बाजार मन्दा हे….
सहज रूप भगवान बोले : भई तेरे को दुनिया मे नही जम रहा हो तो ऊपर बुला लेता हूँ…..
भक्त: नही नही प्रभु सब ठीक है और फ़ोन काट दिया।
मेरी रूह का परिंदा फड़फड़ाये,
लेकिन सकून का जजीरा मिल न पाए
प्रश्न: इस कविता में, कवि कहाँ है और क्या कर रहा है?
उत्तर: इस कविता में कवि wine shop के बाहर खड़ा है और उसका नवरात्रि का व्रत है़
परेशानी का कोई पैमाना नही होता
“साहब”
.
.
कुछ लोग तो यही सोचकर परेशान रहते है
ये सामने वाला दिनभर मोबाइल में करता क्या है!
पढाई और “जिम” हमेशा
कल से “शुरू” होते है।…????
और
सिगरेट और दारू
कल से “बंद”…
बन्दा गर्ल्स होस्टल Chocolate बेचने गया
एक नही बिकी
किसी ने सलाह दी सामने boys हॉस्टल मे जा वहाँ सब बिक जाएँगी
ये लड़किया खरीद कर नही खाती