अजमेर। द सोसायटी ऑफ यूनिक अजमेर व एसडीएमएस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कैरियर व रोजगार सेमिनार ‘हुनर की उड़ान’ में विद्यार्थियों ने पढाई के साथ अपने अन्दर छिपे हुनर को निखारने का मंत्र पा लिया।
स्वामी कॉम्पलेक्स के रसोई बैंक्वेट हॉल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता ब्रेन ट्रस्ट सोसायटी व ‘हां, तुम एक विजेता हो’ के लेखक आरएस चोयल ने कहा कि पढाई के साथ विद्यार्थियों को अपने अन्दर की छिपी कला (हुनर) को निखारना चाहिए।
हुनर होने पर व्यक्ति अपने जीवन की किसी भी ऊंचाईयों को छू सकता है। व्यक्ति में अपनी आशाओं को पहचानने की शक्ति व उस वजन को उठाने की क्षमता है तो वह अपने मूल्यवान दिमाग और हुनर के अनुभव से मंजिल प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि बाजार का आलम यह है कि जिन्हें प्रशिक्षित व्यक्ति चाहिए उन्हें वे नहीं मिल रहे हैं और जो बेरोजगार है उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। ये दूरियां तभी दूर होंगी जब व्यक्ति को स्कील्ड हो। डिग्री से कभी भी रोजगार नहीं मिलता, यदि व्यक्ति को रोजगार चाहिए तो उसे हुनरमंद होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पढ़ाई करने की उम्र हो सकती है लेकिन हुनर सीखने के लिए उम्र कभी आडे नहीं आती। टेक्नोलोजी के जमाने में अपने अनुभव व क्षमता को पहचान कर आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति से अधिक पहचान या कद्र हुनर की होती है।
इस अवसर पर द सोसायटी ऑफ यूनिक अजमेर के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने कहा कि बाजार में काम की कमी नहीं है, स्वरोजगार व नौकरियों के लिए पर्याप्त राहें हैं, लेकिन इसके लिए युवाओं को सही मार्गदर्शन व हुनरमंद होने की जरूरत है।
माता-पिता बच्चों को हुनर सीखने के लिए बाहर नहीं भेज पाते क्योंकि फीस और खर्च अत्याधिक लगता है। इसी लिए इस सोसायटी के माध्यम से कम कीमत पर बच्चों को हुनरमंद बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। युवा भी रुचि के साथ इसमें भागीदारी कर रहे हैं।
सेमिनार में अभय सांखला ने प्रोडेक्शन स्टूडियो मैनेजर, ग्राफिक विजुअल एफएक्स डवलपमेंट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कोर्स को कर लेने के बाद प्रशिक्षित को 8 हजार से 60 हजार रूपए तक का रोजगार सहजता से मिल सकता है।
आरजे अंशुमन दिवेदी ने कहा कि व्यक्ति बोलते बोलते किस प्रकार एंकरिंग, वाईजओवर व न्यूज रिडिंग को व्यवसाय में बदल दे यह खूबी हम उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं। स्वामी समूह के डायरेक्टर गौरांग किशनानी ने हॉस्पीलिटी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हॉस्पीलिटी इण्डस्ट्री में व्यक्ति अपने रोजमर्रा के जीवन में लोगों से व्यवहारिक रूप से पेश आ सकता है इससे उसकी बाजार में आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी।
एनडी टीवी इण्डिया के कैमरा पर्सन सेम में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अब जर्नलिज्म टूल के रूप में बड़े कैमरा की जगह मोबाइल से वीडियोग्राफी की जाने लगी है। न्यूज और उसके लिए कैमरा एंगल का महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ट्रैनिंग के जरिए सीखा जा सकता है।न्यूज चैनल योग्यता के आधार पर कैमरापर्सन को 10 हजार से 1 लाख तक का वेतन दे रहे हैं।
पवन अटारिया ने कहा कि स्टील फोटोग्राफी व वीडि़योग्राफी के शौक को व्यवसाय या रोजगार में बदलने की कला पर प्रकाश डाला। हिमांशु जैन ने सोशल मीडिया कंटेन्ट, प्रमोटर और मार्केटिंग के बारे में बताते हुए कहा कि सोशल मीडिया आज आवश्यकता बन गया है।
सोशल मीडिया का प्रोफेशनल उपयोग किस तरह से किया जा सकता है इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार का रास्ता खुद बनाया जा सकता है।
सेमिनार की शुरुआत भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर व माला पहनाकर की गई। सेमिनार में बडी संख्या में युवक व युवतियों ने भाग लिया व सोसायटी व स्कूल के प्रति अपना धन्यवाद प्रेषित किया।