बुडापेस्ट। इंग्लैंड और हंगरी के बीच शनिवार को हुए फुटबॉल मुकाबले से पहले हंगरी के प्रशंसकों ने घुटने के बल बैठने के लिए इंग्लैंड के खिलाड़ियों का उपहास उड़ाया।
उल्लेखनीय है कि अश्वेत लोगों के लिए शुरू की गई ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ मुहीम के प्रति समर्थन जताने के लिए खिलाड़ी मैच से पहले घुटने के बल बैठते हैं। जब इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने शनिवार के मुकाबले से पहले ऐसा किया तो स्टेडियम में मौजूद हंगरी के प्रशंकों ने ‘बू’ की आवाज़ निकालकर अपना विरोध प्रकट किया।
यूईएफा ने पिछली गर्मियों में देश में आयोजित यूरो 2020 मैचों के दौरान हंगरी के समर्थकों के दुर्व्यवहार के बाद स्टेडियम पर प्रतिबंध लगाया था, जबकि फीफा ने सितंबर में 4-0 विश्व कप क्वालीफाइंग जीत के दौरान इंग्लैंड के खिलाड़ियों के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार के बाद इसी तरह की सजा जारी की थी।
जब खिलाड़ियों ने पिच पर अपना रास्ता बनाया तब दोनों देशों के राष्ट्रगान का सम्मान किया गया, लेकिन जब इंग्लैंड की टीम मैच शुरू होने से पहले घुटने पर बैठी तो दर्शक दीर्घा से ठहाकों की आवाज़ सुनी जा सकती थी। युएफा इसके लिए हंगरी को सज़ा नहीं देगा क्योंकि यह नियमों के ख़िलाफ़ नहीं है।
इंग्लैंड के बुडापेस्ट दौरे से पहले टीम के मैनेजर गैरेथ साउथगेट ने कहा था कि उनकी टीम को सही काम करते हुए एक अच्छी मिसाल कायम करते रहना चाहिए, लेकिन शनिवार को पुसकास एरिना में हुए मुकाबले के बाद 51 वर्षीय साउथगेट ने कहा कि यह हंगरी के लोगों की विरासत में मिली सोच हो सकती है।
साउथगेट ने कहा कि मुझे लगता है कि यह विरासत में मिली सोच के कारण है। हम यह काम लोगों को शिक्षित करने की कोशिश में करते हैं और मुझे लगता है कि युवा केवल बड़े लोगों से प्रभावित हो सकते हैं। इंग्लैंड के डिफेंडर कॉनर कोडी ने कहा कि दर्शकों का रवैया बेहद निराशाजनक था, लेकिन यह इंग्लैंड को सही के लिए खड़ा होने से नहीं रोकेगा।
हम ऐसा करना बंद नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि लोग समझें कि हम अभी क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम एक टीम के रूप में, एक देश के रूप में, चीजों को आगे बढ़ाने की कोशिश करने के लिए सही के साथ खड़े हों।