नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल और उनकी पुत्री बांसुरी ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर दिवंगत नेता को बुधवार को सलामी दी और उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास से बुधवार अपराह्न भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय लाया गया था।
पत्नी के निधन से बेहद व्यथित राज्य सभा के पूर्व सांसद एवं मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कौशल अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा सके और फफक कर रो पड़े।
पूर्व विदेश मंत्री ने पति के पहले नाम को अपना उप नाम बनाया था। सुषमा स्वराज और कौशल की शादी अपने समय में काफी सुर्खियों में थी।
राजनीतिक जीवन से इतर सुषमा स्वराज का व्यक्तिगत जीवन भी खासा दिलचस्प रहा। हरियाणा से आने वाली स्वराज ने वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान प्रेम विवाह किया था। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे और वह इस शादी के खिलाफ थे। सुषमा स्वराज ने अपने परिवार को शादी के लिए मना लिया था।
कौशल उच्चतम न्यायालय के एक वकील हैं। 1990 से 1993 के बीच मिजोरम के राज्यपाल भी रहे। उनकी बेटी बांसुरी भी वकील है।
पूर्व विदेश मंत्री ने पिछले साल सक्रिय राजनीति से दूर होने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्वजनिक तौर पर नजर आई थीं। वह हालांकि ट्विटर पर लगातार सक्रिय रहीं। करवा चौथ हो अथवा पति के साथ नए घर में चाय पीने की बात, वह सोशल मी़डिया पर पति के साथ तस्वीरें डालती रहती थी।
सुषमा स्वराज का यहां मंगलवार रात को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। दिल्ली सरकार ने दो दिन का राजकीय शोक घाेषित किया है।