एक लड़की रोज सुबह 10 बजे पेड़ की डाल पर बैठ जाती,
और
शाम को 5 बजे उतर जाती
.
.
.
.
.
.
MBA करके पागल हो गई थी
खुद को ब्रांच मैनेजर समझती थी
ये तो अच्छा है कि मेरे हर ख़्वाब पूरे
नहीं होते…
.
.
वरना मेरे दोस्त किन-किन को भाभी जी कहकर
बुलाते
5 साल के बच्चे ने प्यार की परिभाषा दी :-
प्यार
चड्डी मेँ हुई सु-सु
की तरह होता है !
जो दिखता नहीँ
पर अंदर से उसका एहसास जरुर होता है
बीवियों का काम ही समझ नहीं आता,
पता नहीं क्या दुश्मनी है पतियों से!
गर्मियों में तो झाड़ू मारने के लिए पंखा बंद कर देती थी;
.
और अब सर्दियों में पोछा सुखाने के लिए पंखा चला देती है।
ज़िन्दगी मे जब भी सोचा
‘ बड़ा ‘ ही सोचा जैसे ….
आलू ‘ बड़ा ‘..
ब्रेड ‘ बड़ा ‘..
मुँग’ बड़ा ‘..
दही’ बड़ा ‘…