हैदराबाद। हैदराबाद की एक अदालत ने गोकुल चाट और लुम्बिनी पार्क विस्फोट मामले में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को सोमवार को फांसी और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने शहर में हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में आतंकवादी अनीक शफीक सैयद और मोहम्मद अकबर इस्माइल चौधरी को फांसी और कुछ आरोपियों को दिल्ली में शरण देने के दोषी तारिक अंजुम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वर्ष 2007 में हुए इन विस्फोटों में 42 लोगों की मौत हो गई और 50 घायल हो गए थे।
हैदराबाद में सचिवालय से कुछ मीटर दूर लुम्बिनी पार्क में लेजर शो सभागार और गोकुल चाट केन्द्र में 25 अगस्त 2007 को एकसाथ विस्फोट किए गए थे।
चेरापल्ली केन्द्रीय कारागार में स्थापित विशेष अदालत में दोनों पक्षों की ओर से इस मामले की सात अगस्त को जिरह पूरी हुई थी। कारागार के अंदर एक कक्ष में स्थापित की गयी यह विशेष अदालत नामपल्ली अदालत से जून में हस्तांतरित की गई थी। तेलंगाना पुलिस की खुफिया शाखा ने इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध अदालत में तीन आरोप पत्र दाखिल किए थे।
मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) की अदालत ने अगस्त 2013 को चार आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किए थे। आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गए थे। दिलसुखनगर में पैदल पुल के नीचे एक बम पाया गया था जिसमें विस्फोट नहीं हुआ था।
आरोपियों को महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने अक्टूबर 2008 में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें गुजरात पुलिस के हवाले किया गया। आरोपियों को यहां चेरापल्ली केन्द्रीय कारागार में रखा गया।
आरोपियों के विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई के दौरान 170 गवाहों से जिरह की गई। इस मामले में अदालत के अाज आने वाले फैसले के मद्देनजर हैदराबाद के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।