नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से किसी भी बहकावे में आए बिना तथ्यों के आधार पर कृषि सुधार कानूनों को लेकर चिंतन मनन करने का अनुरोध किया है।
तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम जारी पत्र में कहा कि किसान के हर शंका-आशंका को दूर करना सरकार का दायित्व है। हम अपने इस दायित्व से न कभी पीछे हटे है और न ही कभी पीछे हटेंगे।
उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बिना भेदभाव के सभी का हित करने का प्रयास किया है। गत छह साल का इतिहास इसका साक्षी है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान के हित में किए गए ये सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नीव बनेंगे। देश के किसान को और स्वतंत्र और सशक्त करेंगे। इन्हीं कृषि सुधार के ऊर्जा से हम मिलकर देश की कृषि को समृद्ध बनाएंगे।
श्री तोमर ने कहा कि एतिहासिक कृषि सुधार को लेकर पिछले कुछ दिनों से वह लगातार किसानों के संपर्क में हैं। देश के अनेक किसान संगठनों से बातचीत हुई है। कई किसान संगठन ने इन कृषि सुधार कानूनों का स्वागत किया या है, वे इससे बहुत खुश है।
किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। देश के अलग-अलग क्षेत्र से ऐसे किसान के उदाहरण भी लगातार मिल रहे है जिन्होंने नए कृषि कानून का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है। लेकिन इन कृषि सुधार कानूनों का दूसरा पक्ष यह भी है कि कुछ किसान संगठनों में इसको लेकर एक भ्रम पैदा कर किया गया है। कृषि मंत्री होने के नाते, मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं।
कृषि मंत्री होने के नाते मेरे लिए यह बहुत संतोष की बात है कि नए कानून लागू होने के बाद इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के भी पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए है। कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद कर दी जाएगी। सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी।