नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने अमरीका में फंसे भारतीयों को आर्थिक राहत दिए जाने संबंधी याचिका की सुनवाई से शुक्रवार को इन्कार कर दिया।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बीआर गवई की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा की याचिका सुनने से उस वक्त इन्कार कर दिया जब केंद्र सरकार के दूसरे शीर्ष विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान व्यंग्यबाण चलाए कि उन्हें नहीं पता कि कौन सा गरीब व्यक्ति अमरीका की यात्रा करता है।
वरिष्ठ वकील विभा दत्ता मखीजा ने दलील दी कि अमरीका में कुछ भारतीय नागरिक हैं जिन्हें कोरोना वायरस महामारी की वजह से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। इस मेहता ने कहा कि मुझे नहीं पता कि कौन सा गरीब व्यक्ति अमरीका की यात्रा करता है। यदि आप खुश नहीं हैं, तो आप अमरीका में भारतीय समुदाय से संपर्क कर सकती हैं। वे मदद भी प्रदान कर रहे हैं, लेकिन इस बारे में केंद्र सरकार को कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किए जा सकते।
सॉलिसिटर जनरल ने न्यायालय को अवगत कराया कि वहां के नागरिकों को पर्याप्त सुविधाएं दी जा रही हैं और वाणिज्य दूतावास अधिकारी रोहित शर्मा आवश्यकतानुसार लोगों की सहायता कर रहे हैं।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति भूषण ने कहा कि हम यह कैसे आदेश दे सकते हैं? इस देश में खुद ही बड़ी संख्या में वंचित लोग रहते हैं। पीठ ने वकील को याचिका वापस लेने और संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखने का निर्देश दिया, जिसके बाद मखीजा ने याचिका वापस ले ली।
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