नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तंज का करारा जवाब देते हुए सोमवार को कहा कि उनके पैंतरे चलने वाले नहीं हैं और नरेन्द्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने गांधी को जिम्मेदारी एवं समझदारी से बर्ताव करने की भी नसीहत दी।
कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने गडकरी के हाल के विवादास्पद बयानों पर ट्विटर पर टिप्पणी की थी कि वह सच बोल रहे हैं और उन्हें राफेल, उद्योगपति अनिल अंबानी, किसानों एवं राेज़गार और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमलों के बारे में अपनी बेबाक राय रखनी चाहिए।
गडकरी ने कुछ देर बाद तीन ट्वीट करके नसीहत भरे सुर में गांधी से कहा कि यही मोदी और हमारी सरकार की कामयाबी है कि आप को हमला करने के लिए कंधे ढूंढने पड़ रहे हैं। रही बात आपके उठाए गए मुद्दों की तो मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि राफेल में हमारी सरकार ने देश हित सामने रखकर सबसे पारदर्शी व्यवहार किया है।
उन्होंने कहा कि आपकी सरकार की नीतियों ने किसानों को जिस बदतर स्थिति में खड़ा किया उससे उनको बाहर निकालने की ईमानदार कोशिश मोदी कर रहे हैं और हम इसमें कामयाब भी हो रहे हैं। आप समेत कुछ लोगों को मोदी का प्रधानमंत्री बनना सहन नहीं हो रहा इसलिए आपको असहिष्णुता एवं संवैधानिक संस्थाओं पर हमले का सपना आता है।
उन्होंने कहा कि हमारे और कांग्रेस के डीएनए में यही अंतर है की हम लोकतंत्र और संवैधानिक सस्थाओं पर विश्वास करते है। आपके ये पैंतरे चल नहीं रहे। मोदी फिर प्रधानमंत्री बनेंगे और हम मजबूती के साथ देश को आगे बढ़ाएंगे। लेकिन, आप भविष्य में समझदारी और जिम्मेदारी के साथ बर्ताव करेंगे, यह उम्मीद करता हूं।
गांधी ने ट्वीट किया था कि गडकरी जी, बधाई। भारतीय जनता पार्टी में आप एक मात्र नेता है जिनमें सच कहने का कुछ साहस है। कृपया राफेल तथा अनिल अम्बानी, किसानों की दुर्दशा और संस्थानों को बर्बाद किए जाने के बारे में भी कुछ कहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक और व्यंग्यात्मक ट्वीट करके गडकरी से रोज़गार के बारे में बोलने का आग्रह किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही एक खबर को साझा किया था जिसके अनुसार गडकरी ने भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में शनिवार को कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए क्योंकि जो लोग अपना घर नहीं देख सकते वे देश को नहीं संभाल सकते।