नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने खुलासा करते हुए कहा है कि वर्ष 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला जीतने के बाद तत्कालीन कप्तान सौरभ गांगुली के साथ उन्होंने भी अपनी जर्सी उतारी थी लेकिन उस वक्त किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया था।
इंग्लैंड ने इस फाइनल मुकाबले में भारत को 326 रनों का मजबूत लक्ष्य दिया था जिसे भारत ने दो विकेट शेष रहते इसे हासिल कर लिया था। भारत की जीत के बाद तत्कालीन कप्तान गांगुली ने लाडर्स की बालकॉनी में जर्सी उतार कर जश्न मनाया था।
युवराज ने मध्यक्रम के बल्लेबाज मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर भारत की जीत में अहम योगदान निभाया था। युवराज औऱ कैफ के बीच छठे विकेट के लिए 121 रन की मैच विजयी साझेदारी हुई थी। युवराज ने 63 गेंदों में 69 रन बनाए थे। युवराज ने इस पारी को अपनी और कैफ के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी करार दिया।
युवराज ने स्पोटर्स तक से कहा कि मैच जीतने के बाद मैंने भी अपनी जर्सी उतारी थी लेकिन इंग्लैंड में ठंड होने के कारण मैंने अंदर एक सफ़ेद टी-शर्ट पहनी थी इसलिए उस समय किसी का ध्यान मेरी तरफ नहीं गया।
युवराज ने कहा कि हमने इस फाइनल मुकाबले से पहले नौ या 10 फाइनल हारे थे और विदेश में हमारा प्रदर्शन कुछ खास अच्छा नहीं रहता था। टीम में ज्यादातर खिलाड़ी नये थे लेकिन दादा ने हम सभी का काफी साथ दिया।
युवराज ने कहा कि जब इंग्लैंड ने 325 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया उस वक्त हम थोड़ा परेशान हो गए थे। उस समय इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं था। हमने अच्छी शुरुआत की लेकिन जब सचिन तेंदुलकर आउट हुए तो मुझे याद है कि इंग्लैंड के खिलाड़ी ऐसे जश्न मना रहे थे जैसे उन्होंने मैच जीत लिया है।
पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि सचिन के आउट होने के बाद 50 फीसदी दर्शक मैदान से चले गए जिनमें से ज्यादातर भारतीय प्रशंसक थे। लेकिन उसके बाद कैफ मैदान में उतरे और हम दोनों ने कहा कि हम खेलेंगे। हमारे बीच आपसी तालमेल अच्छा था क्योंकि दोनों साथ में अंडर-19 खेले थे। हमने काफी अच्छी बल्लेबाजी की और मैं थोड़ा आक्रामक होकर खेला।
युवराज ने कहा कि मेरे आउट होने के बाद कैफ ने मोर्चा संभाला। यह उनके और मेरे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी। अगर मैं थोड़ा और संयम रखकर खेलता तो शतक बना सकता था।