नई दिल्ली। हीरो आई लीग का 13वां संस्करण 30 नवंबर से शुरू होगा और इस सत्र में 11 टीमें हिस्सा लेंगी जिसमें विजेता टीम को एक करोड़ रूपए की पुरस्कार राशि मिलेगी।
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने आई लीग के 13वें संस्करण को गुरूवार यहां संवाददाता सम्मेलन में आधिकारिक रूप से लांच किया। टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच पूर्व चैंपियन मोहन बागान और आईजॉल एफसी के बीच मिजोरम के राजीव गांधी स्टेडियम में खेला जाएगा।
मणिपुर की ट्राऊ एफसी इस सत्र में आई लीग में अपना पदार्पण करेगी। ट्राऊ एफसी ने पिछले सत्र में दूसरी डिविजन की खिताब जीतकर आईलीग में खेलने का हक पाया था। भारतीय फुटबाल के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब कोलकाता डर्बी के साथ साथ इम्फाल डर्बी भी देखने को मिलेगी। कोलकाता डर्बी में ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की टीमें भिड़ेंगी जबकि इम्फाल डर्बी में नेरोका एफसी और ट्रॉऊ एफसी का मुकाबला होगा।
टूर्नामेंट के 12वें संस्करण में रियल कश्मीर ने आईलीग में अपना पदार्पण किया था और तीसरे स्थान तक पहुंची थी। 13वें संस्करण का प्रसारण खेल चैनल डीस्पोर्ट पर किया जाएगा। विजेता टीम को एक करोड़ रूपये, उपविजेता को 60 लाख, तीसरे स्थान काे 40 लाख और चौथे स्थान को 25 लाख रूपए मिलेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच इगोर स्टिमैक आईलीग की ट्रॉफी के साथ मंच पर मौजूद खिलाड़ियों के बीच पहुंचे और उन्होंने कहा कि आईलीग ही एकमात्र प्रतियोगिता है जिससे राष्ट्रीय टीम को भविष्य के खिलाड़ी मिलते हैं।
स्टिमैक ने साथ ही कहा कि आईलीग का महत्व आईएसएल के बराबर है। मैं उस हर खिलाड़ी का समर्थन करता हूं जो आईलीग में खेलता है और मैं टूर्नामेंट के दौरान कई मैचों को खुद देखने के लिये मौजूद रहूंगा। मैं आईलीग के खिलाड़ियों को संदेश देना चाहता हूं कि वे हमारे लिये सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे देश का भविष्य हैं।
आईलीग में उतरने वाली 11 टीमों में गत चैंपियन चेन्नई सिटी, पंजाब एफसी, आईजॉल एफसी, नेरोका एफसी, ट्राऊ एफसी, मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, गोकुलम एफसी, चर्चिल ब्रदर्स गोवा, इंडियन एरोज़ और रियल कश्मीर शामिल है।
स्टिमैक ने माना कि भारतीय टीम में गोल करने वाले स्ट्राइकर की कमी है। उन्होंने कहा कि लीग में एक भी ऐसा स्ट्राइकर नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय मैचों में उतरकर गोल कर सके। मैं खिलाड़ियों के साथ रोजाना काम नहीं करता हूं। मैं उनके साथ मैच से पांच दिन पहले अपना काम शुरू करता हूं लेकिन अच्छी बात है कि यह टीम अब अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी लड़ना सीख चुकी है। टीम की फिटनेस अच्छी है और यह पूरे 90 मिनट तक एक ही स्टेमिना के साथ खेलती है।
कोच ने साथ ही कहा कि आपको धैर्य रखना होगा और युवाओं को ज्यादा मौके देने होंगे ताकि उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। अच्छे परिणाम लाने के लिए सकारात्मक सोच का रहना बहुत जरूरी है। हालांकि इस दौरान नकारात्मक विचार भी सामने आते रहेंगे क्योंकि टीम से बहुत उम्मीदें रहती हैं। ऐसी स्थिति में आपको धैर्य दिखाना होगा।
स्टिमैक ने आईलीग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यही वह लीग है जहां से भारत के लिए राष्ट्रीय खिलाड़ी निकलते हैं और इस सच्चाई को आपको स्वीकार करना होगा। मैं आईलीग के खिलाड़ियों काे बताना चाहता हूं कि वे खुद काे उपेक्षित न समझें क्योंकि वे ही भारतीय फुटबाल का भविष्य हैं।
मैं आईलीग के खिलाड़ियों को बताना चाहता हूं कि जिनके पास पासपोर्ट है वे भारतीय सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व करने के संभावित दावेदार हैं। लेकिन यह इन खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे आईलीग में अपने क्लबों के लिए कितना अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।