(रचना-देश प्यारा )
देश अपना प्यारा,
मिलकर हम इसे सजायेंगे।
आओ झूमें गायें,
गुण हम इसके सब गायेंगे।।
आजादी की अलख जगी,
वीरों ने प्राण गवाये थे।
रक्षा भारत भूमि की,
जो लौट के घर न आये थे।।
बँधे एकता सूत्र में हम,
झलक यह दिखलायेंगे।
देश अपना प्यारा,
मिलकर हम इसे सजायेंगे। ……..
शीश हिमालय मुकुट बना,
सागर भी पाँव पखारे है।
जो भारत से है टकराया,
हम जीते वह हारे हैं।।
भारत माँ की आन बान,
हमको प्राणों से प्यारे हैं।
हर भारतवासी देखो अब,
इसको आज सवारे है।।
भारत माँ की चरण धूलि से,
आओ तिलक लगायेंगे।
देश अपना प्यारा,
मिलकर हम इसे सजायेंगे। ……..
सारे जग में देश अपना,
भारत सबसे प्यारा है।
हर जन जन इसको देखो,
अपने हाथ सवाँरा है।।
तोड़ न पायेगा कोई भी,
एकता की जंजीरों को।
नमन करें हम सदा सदा ही,
देश के अपने वीरों को।।
मिलकर आओ बगिया के हम,
बनें पुष्प महकायेंगे।
देश अपना प्यारा,
मिलकर हम इसे सजायेंगे। ……
…………भुवन बिष्ट
(रानीखेत)
जिला-अल्मोड़ा, उत्तराखंड