Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
दिग्विजय सिंह ने मोदी पर कसा तंज, कहा पकौडे नहीं बेचूंगा
होम Madhya Pradesh Bhopal दिग्विजय सिंह ने मोदी पर कसा तंज, कहा पकौडे नहीं बेचूंगा

दिग्विजय सिंह ने मोदी पर कसा तंज, कहा पकौडे नहीं बेचूंगा

0
दिग्विजय सिंह ने मोदी पर कसा तंज, कहा पकौडे नहीं बेचूंगा

इंदौर। कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपरोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि वे नर्मदा यात्रा के बाद पकौड़े नहीं बेचेंगे। वे राजनीति करते आए हैं और राजनीति ही करेंगे।

सिंह ने अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ यहां पत्रकारों से बातचीत में नर्मदा यात्रा का अनुभव साझा किया। इस दौरान उन्होंने मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोपों की झड़ी लगा दी।

उन्होंने नोटबंदी के फैसले को असफल बताते हुए कहा की आज दिनांक तक सरकार जबाब नहीं दे सकी हैं, कि नोटबंदी के बाद केंद्रीय रिजर्व बैंक के पास कितना रुपया लौटकर आया है।

उन्होंने नोटबंदी से कालाधन, आतंकवाद, नकली नोट पर नियंत्रण पाने के सरकार के दावों को लोक विरोधी करार देते हुये कहा कि इस कदम से नकली नोट बैंकों में बड़ी तादाद में जमा हो गये हैं, जिस पर पूछे जाने पर सरकार चुप्पी साध लेती है।

मक्का ब्लास्ट मामले में असीमानांद के बरी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा लगातार कांग्रेस से भगवा आतंकी शब्द पर माफी मांगने के उठाए जा रहे प्रश्न पर सफाई देते हुए सिंह ने कहा कि वे कभी भगवा आतंक की बात नहीं कही, उन्होंने संघीय आतंकवाद कहा था।

उन्होंने भारत जैसे देश में वन नेशन-वन इलेक्शन पर कहा संघीय ढांचे में यहां संभव नहीं है। उन्होंने कहा ऐसे विचार प्रायोगिक न होकर व्यावहारिक भी नहीं है। हाल ही में देश के कई हिस्सों में अनुसूचित जाति-जनजाति आंदोलन में हुई हिंसा के प्रश्न पर उत्तर में सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में सरकार ने इस मामले पर दायर याचिका में दलितों का पक्ष मजबूती से नहीं रखा।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा भारतीय जनता पार्टी ने पहले अपने फायदे के लिए हिन्दू-मुस्लिम को आपस में लड़वाया अब वे दलित और सवर्ण को आपस में लड़वा रहें हैं। उन्होंने कांग्रेस पर हिंसा भड़काने के लग रहे आरोपों पर कहा कांग्रेस हिंसा विरोधी पार्टी है। हिंसा कोई भी करे हमें स्वीकार नहीं है। बेरोजगारी के चलते रोजी रोटी की कमी ही असंतोष पैदा कर रही है।