सिरोही/शिवगंज। सिरोही एवं पाली जिले के सीमावर्ती शिवंगज तहसील के ग्रामीण इलाके में रविवार दोपहर भारतीय सेना का एक फाइटर प्लेन MiG-27 क्रैश हो गया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार विमान के दोनों पायलट पैराशूट के जरिए कूद गए।
सिरोही कलेक्टर ने बताया कि प्लेन के दोनों पायलट सुरक्षित हैं। इस मामले में सैन्य अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। प्लेन क्रेश होने की सूचना करीब 12.15 बजे मिली। प्लेन शिवगंज में जवाई बांध इलाके में गिरा बताया जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही सेना के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घटना स्थल गोडाना गांव के पास बताया जा रहा है।
यह विमान अपनी नियमित उड़ान पर था और इसने 11:45 बजे उत्तरलाई एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी थी लेकिन इंजन में गड़बड़ी के कारण यह जोधपुर से 120 किलोमीटर दक्षिण में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
आरंभिक रिपोर्टों में यह बात सामने आई है कि विमान दुर्घटना के कारण जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। भारतीय वायु सेना का यह नौंवा विमान था जो इस साल दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
बतादेंकि कि हाल ही में बीकानेर में भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग-21 क्रैश हुआ था। मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान नाल में दुर्घटनागस्त हो गया लेकिन पायलट समय रहते पैराशूट की मदद से सुरक्षित कूद गए थे। इस मिग-21 लड़ाकू विमान ने नाल वायु सैनिक अड्डे से नियमित मिशन पर उडान भरी थी लेकिन यह कुछ देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में गड़बड़ी का पता चलते ही पायलट ने पैराशूट की मदद से छलांग लगा दी थी।
क्या है मिग 27
मिग 27 एक रुसी लड़ाकू विमान है। मूल रूप से इसे सोवियत संघ में मिकोयान-गुरेविच ब्यूरो द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था। बाद में लाइसेंस पर भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स द्वारा बहादुर विमान के रूप में भी इसे निर्मित किया गया था। यह मिकोयान-गुरेविच मिग-23 लड़ाकू विमानों पर आधारित है लेकिन मिग-23 के विपरीत यह एयर-टू-ग्राउंड हमले करने के लिए अनुकूलित है।
मिग-27 का रूस के बाहर व्यापक उपयोग नहीं देखा गया है। चूंकि ज्यादातर देशों ने मिकोयान-गुरेविच मिग-23बीएन और सुखोई एसयू-22 का विकल्प चुना है। यह ग्राउंड अटैक की भूमिका में भारतीय, कज़ाख और श्रीलंका के एयर फोर्स मे अभी भी सेवा में बना हुआ है। सभी रूसी और यूक्रेनी मिग-27 सेवानिवृत्त हो चुके हैं।