दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने अल जजीरा चैनल के 2018 में रांची में 2017 में भारत-ऑस्ट्रेलिया और चेन्नई में 2016 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच पर लगाए गए फिक्सिंग के आरोपों को खारिज कर दिया है। आईसीसी ने कहा है कि मैच फिक्सिंग के दावे को साबित करने के लिए पेश किए गए सबूत विश्वसनीय और पर्याप्त नहीं हैं।
आईसीसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि चैनल के कार्यक्रम में दिखाई गई बात असामान्य थी। आईसीसी के चार स्वतंत्र निदेशकों और क्रिकेट विशेषज्ञों ने इन दावों का विश्लेषण किया और पाया कि कार्यक्रम में दिखाए गए निष्कर्ष पूरी तरह से अनुमानित थे। ऐसे में मैच को फिक्स करना असंभव था। इसका कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिला।
आईसीसी के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने कहा कि हम क्रिकेट के अंदर मौजूदा भ्रष्ट गतिविधियों के बारे में जानकारी देने का स्वागत करते हैं। क्रिकेट के खेल में इस तरह के आचरण की कोई जगह नहीं है, लेकिन हमें यह भी साबित करना होता है कि जिनके खिलाफ आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ सबूत भी पर्याप्त हों। इस कार्यक्रम में किए गए दावे असंभव हैं और इसकी विश्वसनीयता भी नहीं है। चारों स्वतंत्र निदेशक ने इसकी पुष्टि भी कर दी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में अल-जजीरा ने अपनी डॉक्यूमेंट्री में दावा किया था कि टेस्ट मैच में स्पॉट फिक्सिंग हुई है और इसमें इंग्लैंड के खिलाड़ी शामिल थे, हालांकि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इसे सिरे से नकार दिया था। सिर्फ इंग्लैंड ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के कई खिलाड़ियों पर भी स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगाए गए थे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया था और अब आईसीसी के फैसले से भी यह बात साफ हो गई है।