नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद वैश्विक क्रिकेट कैलेंडर के व्यस्त कार्यक्रम को कुछ सहज बनाने के इरादे से अब टेस्ट मैच के दिनों को घटाकर पांच के बजाय चार दिन करने पर विचार कर रहा है, जो संभवत: वर्ष 2023 से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा बन सकता है।
आईसीसी की क्रिकेट समिति वर्ष 2020 में इस मुद्दे पर विचार कर सकती है, और सदस्य क्रिकेट बोर्डों से विचार-विमर्श करने के बाद इस बड़े बदलाव को अमल में लाया जा सकता है। हालांकि विश्व क्रिकेट के इस बदलाव के खिलाफ खड़े होने की उम्मीद है जो क्रिकेट के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण प्रारूप में इतने बड़े बदलाव को मंजूरी नहीं देना चाहेगा।
यह भी अहम है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में चार दिनों के मैच और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले आधिकारिक टेस्ट प्रारूप में पांच दिनों का मैच ही सबसे बड़ा अंतर भी है, जो नए बदलाव से खत्म हो जाएगा।
आईसीसी से लगातार अपने टूर्नामेंटों के विंडो को बढ़ाए जाने की मांग उठ रही है। लगातार घरेलू ट्वंटी 20 क्रिकेट लीगों की बढ़ती संख्या, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अपने निजी द्विपक्षीय कैलेंडर को जगह देने तथा टेस्ट सीरीज़ आयोजित करने की कीमत, हालांकि कुछ ऐसे बिंदू हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए टेस्ट में इस बदलाव की मांग भी उठ रही है, जो 2023 से 2031 के कैलेंडर में समय और पैसे के खर्च को कम कर सकता है।
आईसीसी की दलील है कि पांच के बजाय चार दिनों के अनिवार्य टेस्ट मैच की स्थिति में 2015 से 2023 के मौजूदा चक्र में करीब 335 दिनों की बचत होगी, जिससे समय की बचत होगी और गुरूवार से रविवार के समयावधि में मैच कराए जा सकेंगे।
चार दिन कराने के साथ टेस्ट सीरीज़ की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी और इससे प्रसारणकर्ताओं और मेज़बान बाेर्डों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उन्हें फिर पांच दिनों तक मैच आयोजित करने का खर्च वहन नहीं करना होगा। हाल में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ आयोजित की गई थी जो 20 दिनों तक खेली गई थी जबकि यदि मैच चार दिन का होगा तो इसमें पांच मैचों की सीरीज़ करायी जा सकेगी।
आईसीसी की नयी याेजना के अनुसार मैच के चार दिनों तक कराने की स्थिति में एक दिन में 90 के बजाय न्यूनतम 98 ओवर खेले जा सकेंगे, जिससे निर्धारित चार दिनों में 58 निर्धारित ओवर ही कम खेले जाएंगे। यह भी देखा गया है कि अधिकतर टेस्ट मुकाबले चार दिन में ही समाप्त हो जाते हैं, वर्ष 2018 में भी 60 फीसदी मैच चार या उससे कम दिन में ही संपन्न हो गए थे।
क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के मुख्य कार्यकारी केविन रॉबर्ट्स ने कहा कि चार दिनों के टेस्ट को लेकर हमें गंभीरता से विचार करना होगा। यह ऐसा है जिसे भावनाओं से परे होकर सोचना होगा। हमें पिछले पांच से 10 वर्षाें के अंतराल में टेस्ट मैचों के औसतन समयावधि पर गौर करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर गौर करना होगा जो भविष्य के लिए जरूरी है। हम इस बारे में अगले 12 से 18 महीने में ज़रूर कोई फैसला करेंगे और यह 2023 से 2031 के कैलेंडर में शामिल होगा। हम आईसीसी सदस्यों के साथ बात कर रहे हैं। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटराें की संस्था फिका के प्रमुख टोनी आयरिश ने कहा कि चार दिन के टेस्ट के दो मायने हैं। यह कैलेंडर और कार्यक्रम से दबाव को कम करेगा, लेकिन जो जगह खाली होगी उसमें और क्रिकेट स्पर्धाओं को शामिल कर लिया जाएगा। ऐसे में नई ढांचागत व्यवस्था सरल होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय टेस्ट को कैलेंडर में सीमित प्रारूप के रूप में पहले ही शामिल किया गया है जिसमें दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच टेस्ट तथा इंग्लैंड की मेज़बानी में आयरलैंड का मैच है। अगले ग्रीष्मकालीन सत्र में आस्ट्रेलिया भी अफगानिस्तान के साथ अपना पहला चार दिनी टेस्ट खेल सकता है।