लंदन। आईसीसी विश्वकप का फाइनल विवाद से मुक्त नहीं हो पाया है और बाउंड्री के अजीब नियम के बाद अब इंग्लैंड को अंतिम ओवर में ओवर थ्रो के कारण छह रन मिलने पर सवाल उठाया जा रहा है।
रोमांच से भरे फाइनल में बाउंड्री काउंट के आधार पर इंग्लैंड की जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया के अंपायर साइमन टॉफेल ने मैच के अंतिम ओवर में ओवरथ्रो से छह रन दिए जाने के अंपायर कुमार धर्मसेना के निर्णय को सिरे से गलत बताया है।
मैच के अंतिम ओवर की चौथी गेंद पर मार्टिन गुप्तिल का ओवरथ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकरा कर विकेट के पीछे बाउंड्री पार कर गया जिसके बाद मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने छह रन का इशारा दिया। इसमें भाग कर लिए गए दो रन और ओवरथ्रो के चार रन शामिल थे। हालांकि टॉफेल के अनुसार अंपायर का यह निर्णय गलत था और उन्हें पांच रन देने चाहिए थे।
टॉफेल ने कहा कि यह साफ तौर पर गलत निर्णय था। अंपायर को छह नहीं पांच रन देने चाहिए थे। गुप्तिल का थ्रो अपनी क्रीज़ में पहुंचने के लिए डाइव करने वाले बेन स्टोक्स के बल्ले से टकरा गया और गेंद विकेट के पीछे सीमा रेखा पार कर गई।
उस समय स्टोक्स का बल्ला क्रीज़ में पहुंचा नहीं था। इस आधार पर ओवरथ्रो की स्थिति होने के समय दूसरा रन शॉर्ट था इसलिए अंपायर को एक ही रन देना चाहिए था। लेकिन धर्मसेना ने छह रन का इशारा कर दिया।
दो रन होने की स्थिति के कारण स्टोक्स स्ट्राइक पर वापिस लौट चुके थे जबकि एक रन माना जाता तो स्टोक्स नॉन स्ट्राइकर छोर पर होते और आदिल राशिद पांचवीं गेंद खेल रहे होते। तब इंग्लैंड को जीत के लिए तीन रन की जरूरत होती।
टॉफेल ने हालांकि मैदानी अंपायरों का बचाव करते हुए कहा कि उस समय मैच के रोमांचक हालात में घटना क्रम इतनी तेज़ी से हो रहा था कि अंपायर ने कुल छह रनों का इशारा कर दिया। अंपायर का यही मानना था कि स्टोक्स अपनी क्रीज़ में पहुंच रहे हैं। हालांकि निर्धारित समय में स्कोर टाई हुआ और फिर सुपर ओवर भी टाई रहा तथा इंग्लैंड बाउंड्री काउंट पर विजेता बन गया।