बर्मिंघम। आईसीसी विश्वकप में अभी तक अपराजित विराट कोहली की भारतीय क्रिकेट टीम रविवार को मेज़बान इंग्लैंड के खिलाफ अपनी नयी भगवा जर्सी में विजय अभियान को आगे बढ़ाते हुये सेमीफाइनल का टिकट कटाने के लिए उतरेगी।
भारतीय टीम की नियमित जर्सी नीले रंग की है और उसे टीम ब्लू भी कहा जाता है लेकिन एजबस्टन मैदान पर होने वाले अहम मुकाबले में टीम इंडिया अपनी नई भगवा रंग की जर्सी पहनकर उतरेगी। पहले से ही विवादों में घिरी इस नयी जर्सी को देखने के लिये भी प्रशंसकों में भारी उत्साह है, हालांकि विराट एंड कंपनी की निगाहें हर हाल में जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह पक्की करने की होंगी।
टीम इंडिया फिलहाल तालिका में छह मैचों में पांच जीत और एक मैच रद्द रहने के कारण 11 अंक लेकर तालिका में दूसरे नंबर पर है जबकि शीर्ष टीम आस्ट्रेलिया पहले ही अंतिम चार में जगह पक्की कर चुकी है। वहीं अपने रेट्रो लुक की नीले रंग की जर्सी पहनकर उतरने वाली मेज़बान ‘टीम ब्लू’ के लिए भी यह सेमीफाइनल का दावा मजबूत करने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण मुकाबला होगा जो अभी तालिका में सात मैचों में आठ अंकों के साथ चौथे नंबर पर आ गई है।
इंग्लैंड के लिए अब शेष दोनों मैचों में करो या मरो जैसी स्थिति हो गई है क्योंकि शेष तीन सेमीफाइनल पायदानों पर भारत और न्यूजीलैंड के अलावा उसे पाकिस्तान तथा बांंग्लादेश से कड़ी टक्कर मिली रही है जो अभी एक समान 7-7 अंकाें के साथ पांचवें और छठे नंबर पर है।
भारत ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपना पिछला मैच एकतरफा अंदाज़ में 125 रन से जीता था जबकि टूर्नामेंट में खिताब की दावेदार के रूप शुरूआत करने वाली इंग्लैंड का अभी तक सफर उतार चढ़ाव भरा रहा है और पिछले दो मैचों में उसे श्रीलंका से 20 रन से और आस्ट्रेलिया से 64 रन से हार झेलनी पड़ी थी जिससे वह न सिर्फ दबाव में आ गयी है बल्कि इसने उसे टूर्नामेंट की होड़ से बाहर होने की कगार पर पहुंचा दिया है।
अपने घरेलू मैदान पर हो रहे विश्वकप में दुनिया की नंबर एक वनडे टीम के तौर पर शुरूआत करने वाली इंग्लैंड पहले ही भारत से रैंकिंग में नंबर एक स्थान गंवा चुकी है। दूसरी ओर आत्मविश्वास से लबरेज़ टीम इंडिया एजबस्टन में भी ऊंचे मनोबल के साथ उतरेगी और हर हाल में जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर राहत की सांस लेना चाहेगी।
भारतीय टीम ने लगभग सभी मैचों में हरफनमौला खेल दिखाया है और मजबूत बल्लेबाजी क्रम के साथ तेज़ गेंदबाज़ उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। टीम के पास कप्तान विराट के रूप में स्टार स्कोरर है जबकि मध्यक्रम में महेंद्र सिंह धोनी जैसा सर्वश्रेष्ठ फिनिशर उसकी ताकत हैं। धोनी की नाबाद 56 रन और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की 46 रन की धुआंधार पारी की बदौलत ही विंडीज़ के खिलाफ भारत ने 180 रन पर पांच विकेट की नाजुक स्थिति से निकलते हुये 268 रन का मजबूत स्कोर बनाया था।
हालांकि बल्लेबाज़ी में सुधार की जरूरत है क्योंकि कई मौकों पर विराट अौर रोहित शर्मा पर निर्भरता अधिक दिखती है जो टीम के दो शीर्ष स्कोरर भी हैं। ऑलराउंडर विजय शंकर अब तक प्रभावित नहीं कर सके हैं और मध्यक्रम में उनकी तथा केदार जाधव की मौजूदगी समझ से परे है जबकि मध्यक्रम में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा तथा दिनेश कार्तिक बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
टीम इंडिया की गेंदबाज़ी हालांकि उसकी सबसे बड़ी ताकत साबित हो रही है, खासकर तेज़ गेंदबाज़ों ने अभी तक सबसे अधिक प्रभावित किया है और मैच विजेता साबित हुये हैं। विंडीज़ के खिलाफ पिछले मैच में अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी हैट्रिक सहित चार विकेट लेकर सबसे सफल साबित हुए थे, चोटिल भुवनेश्वर कुमार की अनुपस्थिति में शमी की अहम भूमिका रही थी।
शमी अब तक दो ही मैचों में आठ विकेट हासिल कर चुके हैं। उनके मौजूदा प्रदर्शन ने भी टीम प्रबंधन और कप्तान विराट के लिये उनके और भुवनेश्वर के बीच चयन को लेकर मुश्किल पैदा कर दी है जाे लगभग फिट होकर वापसी के इंतजार में है। भुवी ने तीन मैचों में पांच विकेट लिये हैं। अन्य तेज़ गेंदबाज़ और डैथ ओवरों के विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह ने पांच मैचों में नौ विकेट निकाले हैं। इसके अलावा तेज़ गेंदबाजी ऑलराउंडर हार्दिक ने पांच विकेट लिए हैं। स्पिनरों में युजवेंद्र चहल पांच मैचों में 10 विकेट लेकर सबसे सफल हैं।
दूसरी ओर पहले खिताब की तलाश में जुटी इयोन मोर्गन की टीम के लिये लगातार दो पराजयों के बाद नंबर एक भारतीय टीम को हराना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा। आलोचनाओं का शिकार इंग्लिश टीम अपनी ही घरेलू पिचों पर संघर्ष करती दिख रही है। आस्ट्रेलियाई ओपनर जेसन राॅय के हैमस्ट्रिंग चोट के कारण बाहर होने से भी उसे नुकसान हुआ है, उनकी जगह आए जेम्स विंस शून्य पर ही आउट हो गए।
टीम के खिलाड़ियों की चोंटें भी उसके लिये समस्या बन रही हैं और तेज़ गेंदबाज़ जोफरा आर्चर को बगल में जबकि लेग स्पिनर आदिल राशिद को कंधे में चोट है। टीम को बल्लेबाज़ी में जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स, मोर्गन और जोस बटलर से बेहतर स्कोर की उम्मीद रहेगी जबकि गेंदबाज़ों को किफायती प्रदर्शन पर ध्यान देना हाेगा। राशिद, मार्क वुड,क्रिस वोक्स और मोइन अली पर भारतीय बल्लेबाज़ों को नियंत्रित कर बड़ा स्कोर बनाने से रोकने की जिम्मेदारी रहेगी।