बर्मिंघम। आईसीसी विश्वकप के लिये भारतीय टीम में जगह बनाकर सभी को चौंकाने वाले ऑलराउंडर विजय शंकर का टूर्नामेंट में सफर निराशाजनक रूप से समाप्त हो गया है। वह पैर में अंगूठे की चोट के कारण शेष टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं और उनकी जगह मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल किया जाएगा।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सोमवार को पुष्टि कर दी कि मयंक भारतीय टीम में शंकर की जगह लेंगे और इस संदर्भ में मयंक को भारतीय टीम में शामिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को आधिकारिक आग्रह भेज दिया गया है।
शंकर के चोटिल होने के बाद भारतीय टीम प्रबंधन ने बीसीसीआई को उनकी जगह लेने के लिए शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ को भेजने का आग्रह किया था जिसके बाद सीनियर चयन समिति ने मयंक के नाम की घोषणा की है। मयंक के लिए यह खबर चाैंकाने वाली है क्योंकि वह विश्वकप टीम के साथ घोषित पांच वैकल्पिक खिलाड़ियों में शामिल नहीं थे। इन खिलाड़ियों में रिषभ पंत, अंबाटी रायुडू, इशांत शर्मा, खलील अहमद और नवदीप सैनी शामिल हैं।
इनमें से पंत को ओपनर शिखर धवन की जगह टीम में शामिल किया जा चुका है। शिखर हाथ के अंगूठे में चोट लगने के कारण विश्वकप से बाहर हो गए थे। अंबाटी का यह दुर्भाग्य रहा कि उन्हें पहले विश्वकप टीम में जगह नहीं मिली और अब शंकर की जगह लेने के लिए उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि 19 जून को शंकर को नेट अभ्यास के दौरान जसप्रीत बुमराह की यार्कर से पैर के अंगूठे में चोट लग गई थी। शुरूआत में यह गंभीर नहीं लग रही थी लेकिन बाद में यह काफी बढ़ गई जिसके बाद शंकर को विश्वकप से बाहर होना पड़ा है। बीसीसीआई ने बताया है कि शंकर की चोट ठीक होने में करीब तीन सप्ताह का समय लगेगा जिसके कारण वह विश्वकप से बाहर हो गए हैं।
बीसीसीआई ने कहा कि शंकर को बुमराह की गेंद से पैर के अंगूठे में चोट लग गई। उनकी स्थिति अभी अच्छी नहीं है जिससे वह शेष टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। वह स्वदेश लौट रहे हैं। भारत को अभी ग्रुप चरण में बांग्लादेश से दो जुलाई और श्रीलंका से छह जुलाई को मैच खेलने हैं। वह सेमीफाइनल में पहुंचने के करीब है।
शंकर को 19 जून को ट्रेनिंग के दौरान बुमराह के यार्कर से यह चोट लगी थी जिसे गंभीर नहीं मानकर उन्हें 22 जून को अफगानिस्तान के खिलाफ अंतिम एकादश में शामिल कर लिया गया। हालांकि रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ मैच से दो दिन पहले शुक्रवार को उनकी स्थिति खराब हो गई। मैच की पूर्व संध्या पर वह ट्रेनिंग सत्र का भी हिस्सा नहीं बन पाए थे। इसी कारण से रिषभ पंत को शंकर की जगह इंग्लैंड के खिलाफ मौका दिया गया जिन्होंने अपने पहले विश्वकप मैच में चौथे नंबर पर खेलते हुए 32 रन की पारी खेली।
हालांकि शंकर की जगह अंबाटी रायुडू की जगह मयंक को टीम में बुलाने से साफ है कि टीम तीसरे ओपनर के विकल्प के तौर पर उन्हें शामिल करना चाहती है। टीम में खेल रहे ओपनर लोकेश राहुल इंग्लैंड के खिलाफ शून्य पर आउट हो गए थे और उनकी फार्म को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
कर्नाटक के ओपनर शंकर ने इस वर्ष की शुरूआत में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की थी जिसके बाद उन्हें अंबाटी रायुडू और रिषभ पंत जैसे मुख्य दावेदारों पर तरजीह देते हुए भारत की विश्वकप टीम में शामिल किया गया था। शंकर की जगह अब मयंक को टीम में शामिल कर लिया गया है जिन्होंने भारत के लिए वनडे पदार्पण भी नहीं किया है। मयंक ने भारत के लिए दो टेस्ट खेले हैं।
शंकर का बाहर होना काफी निराशाजनक है लेकिन उनका विश्वकप में अब तक प्रदर्शन काफी औसत दर्जे का रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 15 रन बनाने के अलावा एक विकेट भी निकाला था। लेकिन इसके बाद से उन्होंने अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ केवल 29 और 14 रन की पारियां ही खेलीं।
गौरतलब है कि शंकर का विश्वकप टीम में जगह बनाना काफी हैरानी भरा रहा था। रेस में आगे चल रहे रायुडू और पंत ने इस फैसले पर हैरानी जताई थी जबकि रायुडू ने सार्वजनिक तौर पर इसका विरोध किया था। इसके बाद बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को भी शंकर को टीम में शामिल करने पर अपनी सफाई देनी पड़ी थी।
भारत को अपने पिछले मैच में इंग्लैंड से 31 रन से हार झेलनी पड़ी थी जिसके बाद उसके लिए सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के लिए अगले दोनों मैचों में एक में जीत की जरूरत है।
टीम के एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य तेज़ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार की हैमस्ट्रिंग चोट काे लेकर भी अभी स्थिति साफ नहीं है। इस चोट के कारण भुवनेश्वर भारत के पिछले तीन मैच नहीं खेल पाए हैं। टीम प्रबंधन उम्मीद कर रहा था कि भुवनेश्वर इंग्लैंड के खिलाफ 30 जून के मैच तक फिट हो जाएंगे लेकिन वह अभी तक फिट नहीं हो पाए हैं। भुवनेश्वर की जगह उतरे मोहम्मद शमी ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और तीन मैचों में 13 विकेट ले चुके हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ शमी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये करियर में पहली बार एक वनडे में पांच विकेट हासिल किए हैं। शमी के इस प्रदर्शन के कारण ही न तो टीम प्रबंधन और न ही अन्य कोई भुवनेश्वर की चोट के बारे में बात कर रहा है।
खिलाड़ियों की चोटों के बाद विकल्पों को लेकर भी बीसीसीआई की नीति पर सवाल उठ रहे हैं। शिखर के बाहर होने के बाद पंत को टीम में जगह मिली क्योंकि इससे पहले तक पंत को विश्वकप टीम में शामिल किये जाने की हर तरफ से जाेरदार वकालत होती रही थी। उस समय टीम में आेपनर की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज़ को शामिल किया गया और अब मध्यक्रम के खिलाड़ी के बाहर होने के बाद टीम में एक ओपनर को शामिल किया गया है।
टीम प्रबंधन ने ही बीसीसीआई से शंकर की जगह शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ को भेजने का अाग्रह किया था। यह हैरानी की बात है कि मयंक अग्रवाल वैकल्पिक खिलाड़ियाें में शामिल नहीं थे और चयन समिति ने वैकल्पिक खिलाड़ियों में शामिल मध्यक्रम के बल्लेबाज़ अंबाटी रायुडू का दावा खारिज कर मयंक को विश्वकप भेजने का फैसला किया है।
भारत के पास लीग में अब बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ मैच बचे हैं। बांग्लादेश के साथ मैच मंगलवार को होना है। मयंक के चुने जाने से अब टीम में तीन ओपनर हो जाएंगे और श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में टीम संयोजन को लेकर दिलचस्प स्थिति रहेगी।