मैनचेस्टर। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी विश्वकप के मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ महत्वपूर्ण सेमीफाइलन के लिए शानदार फार्म में खेल रहे तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को अंतिम एकादश से बाहर रखने का चौंकाने वाला फैसला किया जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी सवाल उठे हैं।
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड में भारत और न्यूजीलैंड के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में विराट ने अंतिम एकादश में मात्र एक बदलाव करते हुए चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव की जगह युजवेंद्र चहल को उतारा, लेकिन कमाल की फार्म में खेल रहे तेज़ गेंदबाज़ शमी को इस मैच के लिए बाहर रखा गया जो चौंकाने वाला फैसला रहा।
मैच से पहले तक शमी के अंतिम एकादश में खेलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन टीम प्रबंधन और कप्तान विराट ने भुवनेश्वर को टीम में बरकरार रखा। भुवी श्रीलंका के खिलाफ पिछले मैच में खेले थे जबकि शमी पिछले मैच में टीम में शामिल नहीं थे।
यह फैसला चौंकाने वाला रहा क्योंकि ग्रुप चरण में शमी ने मात्र चार ही मैचों में खुद को साबित करते हुए 5.48 के इकोनोमी रेट से 14 विकेट निकाले और टीम के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज़ हैं। उनसे आगे जसप्रीत बुमराह हैं जिनके इस मैच से पहले तक आठ ग्रुप मैचों में 17 विकेट हैं।
29 साल के शमी इसी के साथ विश्वकप में हैट्रिक लेने वाले भी मात्र दूसरे भारतीय गेंदबाज़ बन गए हैं। उनसे पहले केवल चेतन शर्मा के नाम यह उपलब्धि दर्ज थी। शमी ने अफगानिस्तान के खिलाफ चुनौतीपूर्ण मुकाबले में आखिरी ओवर में गेंदबाजी करते हुए हैट्रिक ली थी जबकि इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट निकाले थे।
शमी को बाहर रखने पर सोशल मीडिया पर गरमा गरम बहस चल रही है कि ऐसे खिलाड़ी को कैसे बाहर रखा जा सकता है जबकि उसने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। शमी ने बांग्लादेश के खिलाफ अपने पिछले मुकाबले में 68 रन देकर एक विकेट लिया था जबकि भुवनेश्वर ने श्रीलंका के खिलाफ पिछले मुकाबले में 73 रन लुटाकर एक विकेट लिया था।
सोशल मीडिया पर इसी अंतर के आधार पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर दोनों गेंदबाजों में इतना अंतर है तो फिर अंतिम चयन में शमी नज़रअंदाज़ कैसे हो गए।