वोल्गोग्राद । फीफा विश्वकप इतिहास में अपना मात्र दूसरा मैच खेलने जा रहा ‘नन्हा और ठंडा’ आइसलैंड शुक्रवार को गर्म अफ्रीकी देश नाइजीरिया को उलटफेर का शिकार बनाकर अपने ग्रुप डी मैच में इतिहास रचने की आस के साथ उतरेगा।
आइसलैंड ने पहली बार फुटबाल विश्वकप फाइनल्स के लिये क्वालीफाई किया है और रूस आने तक उससे अधिक उम्मीदें नहीं थीं लेकिन दो बार की चैंपियन अर्जेंटीना को ओपनिंग मैच में 1-1 के ड्रॉ पर रोकने के बाद उसे छुपा रूस्तम माना जा रहा है और वोल्गोग्राद एरेना में नाइजीरिया के खिलाफ भी उसके बराबरी की टक्कर देने की उम्मीद की जा रही है जिसे क्रोएशिया से 0-2 से शिकस्त मिली है।
अफ्रीकी देश यदि आइसलैंड को नहीं हरा पाता है तो वह नॉकआउट की दौड़ से बाहर हो जाएगा जबकि विश्वकप पदार्पण कर रहा आइसलैंड इतिहास लिख देगा। ग्रुप डी मैच के दौरान तापमान के भी 32 डिग्री तक रहने की संभावना जतायी गयी है जो आइसलैंड के पिछले मैच से 10 डिग्री अधिक है और ठंडे मुल्क की इस टीम को यह भी चिंता है।
आइसलैंड के सह कोच हेल्गे कोल्विडसन ने ट्रेनिंग के दौरान कहा“हमने तापमान के बारे में डाक्टरों से बात की है और हम अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रहे हैं। खिलाड़ियों को विटामिन दिये जाएंगे जिससे उन्हें मदद होगी।” नाइजीरिया ने जहां विश्वकप फाइनल्स में पांच बार जगह बनाई है वहीं आइसलैंड का यह पहला विश्वकप और शुक्रवार को मात्र दूसरा मैच होगा।
मौसम के अलावा आइसलैंड की दूसरी चिंता विंगर जोहान बर्ग गुडमुंडसन भी हैं जिन्हें अोपनिंग मैच में चोट लग गयी थी। लेकिन गिल्फी सिगुरडसन के नाइजीरिया के खिलाफ अहम भूमिका की उम्मीद है। यदि आइसलैंड फिर ड्रा खेलता है तो वह मुकाबले में बना रहेगा लेकिन ग्रुप डी की आखिरी टीम नाइजीरिया को यह मैच हर हाल में जीतना होगा। अभी तक रूस में केवल एक अफ्रीकी देश सेनेगल ने पोलैंड को 2-1 से हराकर जीत दर्ज की है।