जयपुर। पुरी के श्रीगोवर्धनमठ शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में हिंदू रहते हैं। अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए तो एक साल में मॉरिशस सहित 15 देश हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाएंगे। मुस्लिम, ईसाई और दूसरे सभी धर्मों के लोगों के पूर्वज भी हिंदू ही थे।
पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मंगलवार को जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में सर्व समाज हिंदू महासभा की ओर से आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोबाइल, कंप्यूटर और रॉकेट के युग में भी सनातन धर्म सबसे जरूरी है। क्योंकि सिर्फ सनातन ही है, जो सदा के लिए है।
शंकराचार्य ने कहा कि नेता सिर्फ चुनावी वादे करते हैं। चुनाव में कुछ नेता अब ऐसे भी कहेंगे कि आप तो बस मुझे वोट दें और आराम करें। आपके लिए खाना बनाने के लिए भी हमारा आदमी आएगा। यह सिर्फ चुनावी वादे होते हैं। हकीकत में ऐसा संभव नहीं है। इसलिए हमारे आसपास की सभी समस्याओं को हमें मिलकर ही हल करना होगा।
धर्मसभा में कनक बिहारी मंदिर के महंत सियाराम ने कहा कि हिंदू अलग-अलग जातियों में बंट गया है। जो हमारी सबसे बड़ी गलती है। हमें एक होना होगा। अगर अब हम एक नहीं हुए तो पिटेंगे। अगर हम एक हो जाएंगे तो पीटेंगे।
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पुरी के श्रीगोवर्धनमठ के 145वें शंकराचार्य हैं। मठ के 144वें शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी निरंजनदेव तीर्थ महाराज ने स्वामी निश्चलानंद सरस्वती को अपना उत्तराधिकारी मानकर 9 फरवरी 1992 को गोवर्धनमठ पुरी के 145 वें शंकराचार्य पद पर आसीन किया था।
कहा जाता है कि वो भारत के एक ऐसे संत हैं, जिनसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने अगस्त 2000 को न्यूयार्क में आयोजित विश्व शांति शिखर सम्मेलन और विश्व बैंक ने वर्ल्ड फेथ्स डेवलपमेंट डायलॉग- 2000 के वाशिंगटन सम्मेलन के अवसर पर लिखित मार्गदर्शन लिया था।