पटना। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार की महागठबंधन सरकार को चुनौती देते हुए आज कहा कि यदि उसमें हिम्मत है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाए।
मोदी ने बुधवार को बयान जारी कर आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाॅपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के साहसिक फैसले का स्वागत किया और महागठबंधन सरकार को चुनौती दी कि यदि हिम्मत है तो वह आरएसएस पर प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आतंकी संगठन के लोगों का मजहब देख कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि राजद, कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड के नेता प्रतिबंधित पीएफआई को पॉलिटिकल कवर देने के लिए इसकी तुलना आरएसएस जैसे देशभक्त और अनुशासित संगठन से कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को पटना के फुलवारीशरीफ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के छापे से पीएफआई के आतंकी नेटवर्क और 2047 तक भारत की धर्मनिरपेक्षता को कुचल कर इसे मुस्लिम राष्ट्र बनाने के हिंसक इरादों की जानकारी मिली थी। लेकिन, इतने गंभीर मामले की जांच नीतीश सरकार एनआईए को सौंपना नहीं चाहती थी। उसे अपना ‘वोट बैंक’ बचाना देश की सुरक्षा और धर्मनिरपेक्षता से ज्यादा जरूरी लग रहा था।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर लालू-नीतीश सरकार के नरम रवैये के कारण बिहार में कई आतंकी मॉड्यूल पनपते रहे। उन्होंने कहा कि राजद के शिवानंद तिवारी को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे में कोई देशद्रोह नहीं दिखता और जदयू के ललन सिंह पीएफआई की आतंकी गतिविधियों के सबूत मांग रहे हैं। यही लोग कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे।
भाजपा सांसद ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने भीषण दंगों के बाद दर्ज 160 प्राथमिकी वापस लेकर पीएफआई के 1600 से ज्यादा दंगाइयों को छोड़ दिया, जिससे इस संगठन का दुस्साहस लगातार बढ़ा। उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस इस नापाक संगठन का बचाव कर रही है जबकि पीएफआई को सीरिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तक से आतंकी फंडिंग के सबूत मिल चुके हैं।