नई दिल्ली। मानव शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट माना जाता है और 98.7 डिग्री फॉरेनहाइट होने पर शायद ही दुनिया का कोई डॉक्टर कहेगा कि आपको बुखार है। इसके बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर प्रवेश से पहले यदि शरीर का तापमान 98.7 डिग्री पाया गया तो यात्री को टर्मिनल के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा।
दो महीने के अंतराल के बाद सोमवार से शुरू हो रही घरेलू उड़ानों की तैयारियों के बारे में दिल्ली हवाई अड्डे का संचालन करने वाली कंपनी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने आज मीडिया को बताया कि शरीर के तापमान की जांच, हाथों और जूतों के तलवों के सेनिटाइजेशन, सामान के विसंक्रमण, आरोग्य सेतु ऐप में हरा सिग्नल और बोर्डिंग पास का प्रिंटआउट लेने के बाद ही यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश दिया जाएगा।
प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनर से ललाट के तापमान की जांच कर रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने मीडिया के कुछ लोगों को 99 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान होने के कारण प्रवेश से रोक दिया। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 94.6 डिग्री से 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट के बीच तापमान होने पर ही किसी व्यक्ति को टर्मिनल भवन में जाने देने का निर्देश हैं।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध समाप्त होने के बाद 25 मई से पहली उड़ान सुबह 4.30 बजे रवाना होगी। सरकार ने एक-तिहाई उड़ानों के परिचालन की ही अनुमति दी है इसलिए अभी दिल्ली हवाई अड्डे से रोजाना 190 उड़ानें रवाना होंगी और इतनी ही यहां उतरेंगी।
प्रतिदिन तकरीबन 20-20 हजार यात्रियों के आने-जाने की उम्मीद है। सभी उड़ानों का परिचालन अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल टी-3 से ही होगा। इतने यात्रियों के लिए इस टर्मिनल पर पर्याप्त सुविधा मौजूद है और सामाजिक दूरी का अच्छी तरह पालन किया जा सकेगा।
कोरोना वायरस कोविड-19 के मद्देनजर देश में नियमित यात्री उड़ानों का परिचालन 25 मार्च से पूरी तरह बंद है। दो महीने बाद 25 मई से कई प्रकार एहतियाती शर्तों के साथ एक-तिहाई उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गई है।