हालांकि जानकारों की मानें तो कयास इस बात पर हैं कि यह दर 6।9 फीसदी रह सकती है। रॉयटर्स द्वारा 35 अर्थशास्त्रियों के एक पोल में इस बात की संभावना जताई जा रही है। अब यदि ऐसा होता है तो भारत इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। इसी तिमाही में चीन की वृद्धि दर 6।8 फीसदी रही है।
आज शाम साढ़े पांच बजे के करीब ये डाटा रिलीज किए जा सकते हैं। शेयर बाजारों में भी आज सतर्कता का माहौल है। ब्रोकरों के अनुसार आज दिन में दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने और फरवरी के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक जारी होने के चलते निवेशकों का रुख सावधानी भरा रहा। इससे शेयर बाजार प्रभावित हुए एवं कमजोर एशियाई बाजारों का भी घरेलू बाजार पर असर पड़ा।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6।3 प्रतिशत थी और पहली तिमाही में 5।7 प्रतिशत रही थी। स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के संदर्भ में वृद्धि दर सालाना आधार पर दूसरी तिमाही के 6।1 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर तीसरी तिमाही में 6।7 प्रतिशत रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों की आय में भी दिसंबर तिमाही के दौरान सुधार हुआ है। वाहन एवं दोपहिया वाहनों की बिक्री भी इस दौरान तेजी से बढ़ी है। वस्तुओं के निर्यात की वृद्धि में भी दहाई अंकों में वृद्धि दर्ज की गयी है। हालांकि उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर तेज होने तथा कृषि क्षेत्र में घटने का अनुमान है।
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