झांसी | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छ भारत अभियान पर राज्य में अभी तक की प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अभियान को एक आंदोलन बनाना होगा और जो अधिकारी और कर्मचारी इस ओर शिथिलता दिखायेंगे या रूचि नहीं लेंगे उन्हें वीआरएस की पत्रावलियां भेजी जायेंगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान की समीक्षा बैठक को आज सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दो टूक शब्दों में सभी जिलों को सितम्बर 2018 तक खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जाने का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा “ शौचालय निर्माण के अभियान को आंदोलन बनाना होगा जिसमें आम जन के साथ समाज के संभ्रांत और प्रबुद्ध जन भी शामिल हों तभी हम अपने लक्ष्य को पूरा कर पायेंगे। सभी जिलों को सितम्बर 2018 तक खुले में शौच से मुक्त हो जाना चाहिए, इसके लिए पैसा की कोई कमी नहीं है ,कमी है तो केवल इच्छाशक्ति की। जिलाधिकारी इस मामले में व्यक्तिगत रूप से रूचि लें ।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलन को गति नहीं देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को वीआरएस की पत्रावलियां भेजी जाये। ये बेहद खेदजनक है कि कुछ जिलों में शौचालय निर्माण के काम में लाभार्थियों से सुविधा शुल्क वसूले जाने की भी शिकायतें मिली हैं ऐसे मामलेां को जिलाधिकारी खुद देखें और तत्काल कार्रवाई करें।सभी की जिम्मेदारियां तय करें ताकि काम में तेजी आए । कई जिलों की प्रगति बेहद कम और चिंताजनक है।
योगी ने जिला भ्रमण के दौरान काम करने वालों को पैसा नही मिलने की सूचनाओं पर भी खेद व्यक्त किया। उन्होने कहा कि काम करने वालों को मानदेय का भुगतान तुरंत किया जाए । शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाये जाने के आदेश देते हुए उन्होने साफ किया कि इसके लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। ब्लॉक स्तर पर बीडीओ को इस काम की जिम्मेदारी दी जाये साथ ही जवाबदेही भी तय की जाएं ताकि वह व्यक्तिगत रूप से गांवों में शौचालय निर्माण का काम देखे। जो काम न करें उसे वीआरएस की पत्रवालियां भेजी जाएं।