नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने बुधवार को संजय सिंह, व्यापारी सुशील गुप्ता व चार्टर्ड अकांउटेंट एनडी गुप्ता को दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया, जिसके बाद कुमार विश्वास ने पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्हें सच बोलने के लिए दंडित किया गया है।
पार्टी ने यह निर्णय आप की शीर्ष निर्णायक इकाई, राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर लिया। बैठक में आप के अधिकतर विधायक शामिल हुए। इस महीने के अंत में दिल्ली से राज्यसभा सीटें खाली हो जाएंगी। कांग्रेस के सदस्यों जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी और करण सिंह का कार्यकाल पूरा होने की वजह से ये सीटें खाली हो रही हैं।
यह पहली बार है कि आप ऊपरी सदन के लिए अपना उम्मीदवार भेजेगी। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आप के पास अधिकारिक तौर पर 66 सीटें हैं। इसमें कुछ असंतुष्ट विधायक भी हैं। सदन में कांग्रेस का एक भी सदस्य नहीं है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तीनों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की और कहा कि पार्टी संयोजक केजरीवाल बाहरी और पार्टी से जुड़े लोगों को राज्यसभा भेजना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल चाहते थे कि राज्यसभा के लिए उनलोगों को नामित किया जाए, जिन्होंने मीडिया, अर्थव्यवस्था, कानून और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया है। इसलिए ऐसे 18 नामों पर चर्चा की गई थी।
उन्होंने कहा कि संजय सिंह न केवल पार्टी के लिए सालों से काम कर रहे हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई है।
सिसोदिया ने कहा कि नरायण गुप्ता भारतीय चार्टर अकांउटेंट संस्थान के पूर्व अध्यक्ष हैं और उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से जल्दबाजी में लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर पर बराबर नजर रखी है।
उन्होंने कहा कि सुशील गुप्ता ने दिल्ली व हरियाणा के शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। उन्होंने करीब 15 हजार बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी है।
इसके बाद पार्टी से असंतुष्ट चल रहे आप नेता कुमार विश्वास ने पार्टी पर हमला बोल दिया और कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा दी गई है।
उन्होंने कहा कि मैं गुप्ता को मनीष सिसोदिया के साथ बीते 40 साल, केजरीवाल के लिए 12 साल, पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए सात साल व पार्टी विधायकों के लिए बीते पांच सालों से काम करने के लिए बधाई देता हूं।
विश्वास ने मीडिया से कहा कि बीते डेढ़ सालों से चाहे पीएसी (राजनीति मामलों की समिति) हो या मेरे बड़े भाई अरविंद केजरीवाल का सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों पर फैसला, आतंकवादियों पर नरम रुख, टिकट बंटवारे पर उनकी चुप्पी व जेएनयू..जो भी सच मैंने बोला है, उसकी आज मुझे सजा दी गई है।
विश्वास ने स्पष्ट रूप से खुद को नामित नहीं किए जाने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया। विश्वास ने कहा कि केजरीवाल की सहमति के बगैर पार्टी में कुछ नहीं होता।विश्वास ने कहा कि आप (केजरीवाल) के खिलाफ बोलकर पार्टी में किसी का बने रहना असंभव है।