इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को देश की राजधानी में चल रहे शिक्षण संस्थानों में शारीरिक दंड पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय ने यह आदेश गायक से सामाजिक कार्यकर्ता बने शहजाद राय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। राय ने शारीरिक दंड देने पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने का न्यायालय से अनुरोध किया था। याचिका पर सुनवाई के दौरान राय ने अपने अधिवक्ता की मार्फत न्यायालय को सूचित किया कि शारीरिक दंड दिए जाने की वजह से लाहौर में बच्चे की मौत हो गई।
राय ने न्यायालय से आग्रह किया कि पाकिस्तान दंड संहिता के प्रावधान 89 को खत्म किया जाना चाहिए। इसके तहत माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों को ‘नेक नीयत’ में शारीरिक दंड का इस्तेमाल करने की अनुमति थी। आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश जो इस मामले की सुनवाई की अगुवाई कर रहे थे उन्होंने टिप्पणी की कि संसद भी शारीरिक दंड विधेयक बनाने पर कार्य कर रही है।