सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भविष्य अब डिजिटल तकनीकों की ओर- कहते हैं डॉ एस डी गुप्ता
जयपुर। स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता की एक समृद्ध विरासत के साथ आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने आज एक गरिमापूर्ण तरीके से पी. डी. अग्रवाल (पीडी जी) की जन्मशती मनाई और एसडी गुप्ता स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (एसडीजी-एसपीएच) का ब्रोशर जारी किया। इस अवसर पर आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी से संबद्ध गणमान्य लोगों ने छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए स्व. पी. डी. अग्रवाल के विजन और मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनके विजन के अनुरूप आईआईएचएमआर ने स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के तहत डिजिटल युग में स्वास्थ्य सेवा की फिर से कल्पना करते हुए एक नया पाठ्यक्रम पेश किया।
देशभर में सक्षम हेल्थकेयर पेशेवरों की एक पूरी पीढ़ी को विकसित करने और देश में स्वास्थ्य सेवा से संबंधित परिदृश्य को नए सिरे से रचने के लिए एसडी गुप्ता स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ ऐसे विद्यार्थियों को तैयार करेगा, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकेंगे। साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के बारे में एडवांस नाॅलेज प्रदान करेगा और टीचिंग, ट्रेनिंग और रिसर्च के माध्यम से जनसंख्या स्वास्थ्य और सभी लोगों के लिए कल्याण को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
आईआईएचएमआर के संस्थापक-ट्रस्टी डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा, सत्य और भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ स्वर्गीय पी. डी. अग्रवाल ने अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों का प्यार और विश्वास हासिल किया। वे अपनी निष्पक्षता, उदारता, परोपकारिता, दृढ़ निश्चय और उत्कृष्टता के लिए पहचाने जाते थे। वे समाज के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहे है। उनके दूरदर्शी विचारों के कारण आईआईएचएमआर ग्रुप लाॅजिस्टिक्स, सप्लाई चेन और हैल्थकेयर के क्षेत्र में ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन, डॉ. एस. डी. गुप्ता ने कहा, पी. डी. अग्रवाल जी का एक मिशन यह भी था कि देश में, खास तौर पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में, अशिक्षा को खत्म किया जाए और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जाए। उनके सपनों को आगे बढ़ाते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी एक स्वस्थ राष्ट्र और इसके नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिहाज से सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के ब्रोशर को जारी करते हुए प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है। चूंकि स्वास्थ्य सेवा का भविष्य डिजिटल टैक्नोलाॅजी की दिशा में नजर आ रहा है, इसलिए आईआईएचएमआर ने डिजिटल युग में स्वास्थ्य सेवा की फिर से कल्पना करते हुए नए अवसरों को हासिल करने का प्रयास किया है।
उन्होंने आगे कहा, स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के महत्व, दायरे और उद्देश्य के बारे में लोगों को समझाने में हमें लगभग 15 साल लग गए। यह हमारा कर्तव्य है कि हम दुनिया को निरंतर शिक्षित करें और वर्ष 2021 में भी इस प्रयास को जारी रखें। इसी सिलसिले में द कॉन्सेप्ट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट विषय पर एक किताब लाॅन्च की जाएगी, जिसमें मुख्यधारा के समाज में एक स्वस्थ जीवनशैली से संबंधित विविध पहलुओं को पेश किया जाएगा।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसीडेंट (कार्यवाहक) प्रो. पी. आर. सोडानी ने कहा, ‘‘एसडी गुप्ता स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (एसडीजी-एसपीएच) का ब्रोशर जारी करना मेरे लिए बहुत खुशी और सौभाग्य की बात है। खास बात यह है कि हमने वर्षों से चली आ रही एक आवश्यकता को समझा है और देश के भीतर सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रतिभावान लोगों को तैयार करने का बीड़ा उठाया है। हम छात्रों के लिए विश्व स्तर की शिक्षा और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हम और हमारा राष्ट्र स्वस्थ और समृद्ध हो सके।‘‘
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के बारे में
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी स्वास्थ्य क्षेत्र में मैनेजमेंट रिसर्च, स्नातकोत्तर शिक्षा और प्रशिक्षण में एक विशिष्ट अनुसंधान यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी का उद्देश्य स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने के लिए दस्तावेज और इनपुट्स प्रदान करने के लिए नए ज्ञान और टैक्नोलाॅजी को विकसित करना है।
यूनिवर्सिटी में मल्टी-डिसिप्लेनरी संकाय सदस्य हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, जनसांख्यिकी, सामाजिक और व्यवहार विज्ञान, ग्रामीण विकास और फार्मा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यूनिवर्सिटी ने प्रमुख विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग किया है, जिनमें जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, यूएसए, चेस्टर यूनिवर्सिटी, यूके, मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी, कनाडा, कर्टिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया और बीपी कोइराला इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, नेपाल शामिल हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वास्थ्य नीति और कार्यक्रम प्रबंधन, अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और संचालन करके स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए इसे इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सीलैंस के रूप में मान्यता दी है। पिछले साढ़े तीन दशकों से यूनिवर्सिटी सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य और अस्पताल प्रबंधन, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट, हैल्थ इकोनाॅमिक्स और फाइनेंस, पाॅपुलेशन और रीप्रोडक्टिव हैल्थ, रूरल मैनेजमेंट, इंस्टीट्यूशनल नेटवर्किंग एंड केपेसिटी बिल्डिंग जैसे मुख्य क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और क्षमता निर्माण में जुटी हुई है।
आईआईएचएमआर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रिसर्च के अपने चैथे दशक में है। पिछले दशकों में संस्था ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों में 800 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं और अध्ययनों का संचालन किया है। इन अध्ययनों को स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों के लिहाज से अत्यंत प्रासंगिक माना गया है।
आईआईएचएमआर ने ऐसे अध्ययन और परियोजनाओं के लिए असाइनमेंट/कंसल्टेंसी पर बड़े पैमाने पर काम किया है, जिन्हें विभिन्न द्विपक्षीय एजेंसियों, भारत सरकार और राज्य सरकारों का समर्थन हासिल है।
आईआईएचएमआर के रिसर्च क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणाली, मानव संसाधन और प्रशिक्षण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली, मूल्यांकन, शिक्षा और संचार, सूचना प्रौद्योगिकी सर्वेक्षण, परियोजना कार्यान्वयन योजना, स्वास्थ्य अर्थशास्त्र और वित्तपोषण, ड्रग्स, रणनीति आदि शामिल हैं। साथ ही, एचआईवी/एड्स, पोषण, संचार व्यवहार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, स्वास्थ्य बीमा, क्वालिटी एश्योरेंस, ऑपरेशंस रिसर्च, रीप्रोडक्टिव हैल्थ और जेडर हैल्थ जैसे विषय भी शामिल हैं। इसी क्रम में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी स्वास्थ्य क्षेत्र में पाॅलिसी और प्रोग्राम मैनेजमेंट में रिसर्च पर अपना ध्यान केंद्रित करने के प्रयासों को जारी रखता है।