बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में हलाला, तीन तलाक़ और बहुविवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाली आला हजऱत खानदान की बहु निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया है।
शहर इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता ने निदा खान के खिलाफ जारी फतवे में कहा गया है कि निदा अल्लाह, खुदा के बनाये कानून की मुखालफत कर रही है, जिस वजह से उनके खिलाफ फतवा जारी हुआ है। उन्होंने बताया कि इसी कारण निदा का हुक्का पानी बन्द कर दिया गया है।
जारी फतवे में कहा गया है कि निदा की मदद करने वाले, उससे मिलने जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा। निदा अगर बीमार हो जाती है तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा के मरने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है।
इस बीच इस मामले में निदा खान ने पलटवार करते हुए कहा कि फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है यहां दो कानून नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह का फतवा जारी करने वाले लोग सिर्फ राजनीति चमका रहे हैं।
निदा ने कड़े लहजे में कहा कि इस्लाम से खारिज करने वाले ये होते कौन हैं। शरीयत पहले वो अपने घर पर जाकर लागू करे फिर आवाम पर लागू करें, क्योंकि इन लोगों को शरीयत के नाम पर आवाम को भड़काना आता है। निदा ने कानूनी मदद लेने की भी बात की है।
गौरतलब है कि बरेली के पुराना शहर के मुहल्ला शाहदाना निवासी निदा खान की शादी 16 जुलाई 2015 को आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुआ था।
अंजुम मियां आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां के सगे भाई हैं। निदा का कहना है कि शादी के बाद से ही उसके साथ मारपीट की गई जिससे उसका गर्भपात हो गया। शौहर शीरान रजा खां ने पांच फरवरी 2016 को तीन तलाक़ देकर घर से निकाल दिया था।