वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर स्थिर रखा है तथा अगले वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया है।
इससे पहले विश्व बैंक ने सोमवार को जारी अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिए 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी 5 अप्रंल को जारी मौद्रिक नीति समीक्षा बयान में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।
आईएमएफ की मंगलवार को जारी रिपोर्ट ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अप्रंल 2018’ में कहा गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 6.7 प्रतिशत से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। अगले वित्त वर्ष में इसके 7.8 प्रतिशत और वर्ष 2023 में 8.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। उसने वर्ष 2018 में औसत खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत पर रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
आईएमएफ साल में दो बार अप्रेल और अक्टूबर में वैश्विक विकास अनुमान जारी करता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्यम अवधि में चीन की विकास दर में लगातार गिरावट रहेगी। यह इस साल घटकर 6.6 प्रतिशत रह जाएगी। पिछले साल यह 6.9 प्रतिशत रही थी। वर्ष 2019 में चीन की विकास दर 6.4 प्रतिशत और वर्ष 2023 में घटते हुये 5.5 प्रतिशत पर आ जाने की बात कही गई है।
आईएमएफ ने इस साल वैश्विक जीडीपी में भी सुधार का अनुमान व्यक्त किया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 और 2019 में वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहेगी। पिछले साल यह 3.8 प्रतिशत रही थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक निवेश और व्यापार के ग्राफ का ऊपर की ओर बढ़ना वर्ष 2017 के उत्तरार्द्ध में भी जारी रहा। पिछले साल वैश्विक जीडीपी की वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रही जो वर्ष 2011 के बाद सर्वाधिक है। वित्तीय परिस्थितियों के अब भी सकारात्मक बने रहने से वर्ष 2018 और 2019 में जीडीपी विकास दर 3.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
वैश्विक संस्था ने कहा है कि उभरती हुई और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में औसत जीडीपी वृद्धि दर में मजबूती का क्रम जारी रहेगा। वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर में दो साल के बाद गिरावट की आशंका है। वर्ष 2023 में वैश्विक विकास दर 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।