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IMF reduces India's growth estimate to 6.1 percent - Sabguru News
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IMF ने भारत का विकास अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी किया

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IMF ने भारत का विकास अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी किया
IMF reduces India's growth estimate to 6.1 percent
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IMF reduces India’s growth estimate to 6.1 percent

वॉशिंगटन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान में 0.9 प्रतिशत की बड़ी कटौती करते हुये इसे 6.1 प्रतिशत कर दिया है।

आईएमएफ की आज यहाँ जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, अक्टूबर 2019 में मौजूदा वर्ष के लिए वैश्विक विकास अनुमान 3.3 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया गया है जो 2008-09 के बाद सबसे कम है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि इस समय दुनिया समवेत मंदी के दौर से गुजर रही है तथा आर्थिक विकास की गति एक दशक पहले की आर्थिक मंदी के बाद सबसे निचले स्तर पर रहने की संभावना है।

व्यापारिक गतिरोध, व्यापार को लेकर अनिश्चितता तथा भूराजनैतिक तनाव मंदी के प्रमुख कारक है। वर्ष 2020 के लिए वैश्विक विकास अनुमान 3.6 प्रतिशत से घटाकर 3.4 प्रतिशत कर दिया गया है।

आईएमएफ ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत का विकास अनुमान 6.1 प्रतिशत रखा है। जुलाई में जारी अनुमान में इसके सात प्रतिशत पर रहने की बात कही गयी थी। अगले वित्त वर्ष के लिए भारत का विकास अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने भी 04 अगस्त को जारी मौद्रिक नीति बयान में देश का विकास अनुमान पहले के 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था।

आईएमएफ की रिपोर्ट में चीन की विकास दर भी इस साल भारत के बराबर यानी 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है जबकि अगले साल के लिए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का विकास अनुमान 5.8 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है।

भारत की विकास दर में इस साल सुस्ती के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है “भारतीय अर्थव्यवस्था में इस साल दूसरी तिमाही में सुस्ती बढ़ गयी। इसका कारण क्षेत्र विशेष का कमजोर प्रदर्शन रहा है – खासकर ऑटोमोबाइल और रियल इस्टेट क्षेत्र का प्रदर्शन।” इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोर वित्तीय स्थिति को भी देश की आर्थिक सुस्ती का एक कारक बताया गया है।

आईएमएफ ने कहा है कि वर्ष 2019 और 2020 के लिए भारत का विकास अनुमान घटाने की वजह अपेक्षाकृत कमजोर घरेलू माँग है। रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती, सरकार द्वारा कंपनी कर कम करने तथा अन्य उपायों का प्रभाव अर्थव्यवस्था में परिलक्षित होने में समय लगेगा। इसमें कहा गया है कि मध्यम अवधि में भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहेगी।