अजमेर। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण संघर्ष आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को आज अजमेर के पुष्कर सरोवर के सभी 52 घाटों पर उनके पुत्र विजय बैंसला, परिजन तथा दूरदराज से आए गुर्जर समाज के हजारों लोगों ने धार्मिक रीति से विसर्जित कर दिया।
स्वर्गीय बैंसला की अस्थियों के 52 कलश तैयार किए गए थे और मुख्य विसर्जन सरोवर के गुर्जर घाट से किया गया। विसर्जन के समय शंखों की ध्वनि एवं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अमर रहे के नारे गुंजायमान होते रहे। इस अवसर पर स्वर्गीय कर्नल बैंसला की आदमकद मूर्ति का भी अनावरण किया गया जिसे पुष्कर के ही गुर्जर भवन में स्थापित किया गया।
खास बात यह रही कि मूर्ति का अनावरण आंदोलन में शहीद हुए 73 लोगों के परिजनों ने संयुक्त रुप से किया। इससे पहले पुष्कर के मेला मैदान पर अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के पूर्व सामाजिक सभा आयोजित की गई जिसमें एमबीसी समाज (गुर्जर, रेबारी, राइका, देवासी, गडरिया, बंजारा, गाडरी, गायरी एवं गाड़िया लुहार) की विशाल श्रद्धांजलि एवं सामाजिक सभा आयोजित की गई जिसमें राजनेताओं के अलावा समाज के प्रमुख लोगों ने कर्नल बैंसला की जीवनी पर प्रकाश डाला और गुर्जर आंदोलन के दौरान समाज के प्रति उनके समर्पण एवं संघर्ष को याद किया।
आंदोलन के दौरान हुए शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभा में कर्नल बैंसला को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समाज के प्रति उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने जिस संघर्ष के साथ सामाजिक लड़ाई लड़ी उसने गुर्जर समाज को आगे बढ़ाने का काम किया है।
बिरला ने गुर्जर समाज को यशस्वी एवं गौरवपूर्ण समाज करार देते हुए कहा कि उन्होंने दूध पिलाकर सामाजिक सेवा का काम किया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। सभा को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी संबोधित करते हुए कर्नल बैंसला के जुझारू व्यक्तित्व को याद किया।
मंच की ओर उछाले जूते चप्पल
सभा में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब खेल मंत्री अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश पढ़ना शुरू किया तब सभा में मौजूद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। यहां तक की मंच की ओर जूते चप्पल भी उछाल दिए।
एक बार सभा में अफरातफरी मच गई जिसे पुलिस ने बमुश्किल नियंत्रित किया।
दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को संदेश पढ़ना था लेकिन सभा में बिगड़े माहौल को देखते हुए वैभव गहलोत ने अशोक चांदना को यह जिम्मेदारी दी जिसे पायलट समर्थकों ने नकार दिया। सभा में प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, धीरज गुर्जर, अलका गुर्जर, मंत्री शकुंतला रावत, निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, विधायक वासुदेव देवनानी, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत आदि मौजूद रहे।
विजय बैंसला ने की एमबीसी की वकालात
कर्नल बैंसला के पुत्र विजय बैंसला ने स्पष्ट कहा कि हम उस राजनीतिक दल के साथ खड़े हैं जो हमारे साथ खड़ा रहेगा। राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 75 सीटों पर एमबीसी समाज का वर्चस्व है। ऐसे में हमें नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। उन्होंने आरक्षण आंदोलन के संबंध में कहा कि आरक्षण चालू है। इस पर अभी क्या चर्चा करना ये रुकेगा तो चर्चा भी होगी और आंदोलन भी। उन्होंने गुर्जर समाज की राजनीतिक उपेक्षा को अब आगे बर्दाश्त नहीं किए जाने के भी संकेत दिए। आज की महापंचायत एक तरह से अस्थि विसर्जन के साथ साथ शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा रही जिसमें 70-80 हजार लोग शामिल हुए।