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खेलों का हमारे जीवन पर प्रभाव - Importance of sports in our daily life - Sabguru News
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यह पढ़ने के बाद खेलों के प्रति आपका नज़रिया ही बदल जायेगा

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यह पढ़ने के बाद खेलों के प्रति आपका नज़रिया  ही बदल जायेगा
Importance of sports in our daily life
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Importance of sports in our daily life

मनुष्य के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना बहुत जरुरी है। एक भरपूर शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते है , स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर का होना अनिवार्य है । बीमार शरीर, बीमार मानसिकता  को उत्पन्न करता है।

वैदिक(भूतकाल) काल से ही हमारे पूर्वजों ने ‘निरोगी काया’ अर्थात् स्वस्थ शरीर को प्रमुख सुख माना है । खेल अथवा व्यायाम स्वस्थ शरीर के लिए अति आवश्यक हैं अर्थात् शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल अथवा व्यायाम की उतनी ही आवश्यकता है जितनी कि जीवन को जीने के लिए भोजन व पानी की ।

अध्ययन के साथ-साथ व्यायाम मनुष्य के सर्वांगीण विकास में सहायक है । विध्यार्थी जो अपनी पढ़ाई के साथ खेलों को बराबर का महत्व देते हैं वे प्राय: कुशाग्र बुद्‌धि के होते हैं ।

वे तन और मन दोनों से ही पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं । खेलों से उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है । वे अन्य विध्यार्थियों की तुलना में अधिक चुस्त-दुरस्त होते हैं तथा उनमें धैर्य, सहनशीलता, क्षमा जैसे मानवीय गुणों का विकास अधिक होता है।

हमारे देश में योगासन, दंड-बैठक, दौड़ना, कुश्ती, तैराकी आदि व्यायाम की अनेक पद्‌धतियाँ प्रचलित हैं । खेलना भी व्यायाम का ही एक रूप है । फुटबाल, हॉकी, बालीबॉल, कबड्‌डी, खो-खो, क्रिकेट आदि देश के प्रमुख खेल हैं ।

हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है । इस खेल में हम कई वर्षों तक विश्व विजेता रहे हैं परंतु आजकल देश में क्रिकेट, शतरंज व टेनिस जैसे खेलों की लोकप्रियता बढ़ रही है । क्रिकेट में भी हमारी टीम विश्व विजेता रह चुकी है । शतरंज में हमारा नाम शीर्षस्थ देशों में है । टेनिस जगत में विगत कुछ वर्षों में हमने काफी ख्याति अर्जित की है।

खेलों की प्रकृति के आधार पर हम उन्हें दो भागों- अंतर्क्षेत्रीय एवं बहिर्क्षेत्रीय में विभाजित कर सकते हैं । शतरंज, टेबल-टेनिस, कैरम आदि अंतर्क्षेत्रीय खेल हैं वहीं हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट आदि बहिर्क्षेत्रीय खेल कहलाते हैं । व्यक्ति अपनी रुचि एवं सुविधा के अनुसार खेलों का चयन कर सकता है । खेलों से हमारा जीवन सुखमय और आनंदित, बिना क्रोध और रोगमुक्त वयतीत होता है|