जयपुर। राजस्थान सरकार ने कृषि मण्डियों को सुदृढ़ करने, राज्य सेवा कर्मचारियों के लिए जीपीएफ कटौती लागू करने, नेत्र सहायक संवर्ग में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने एवं प्रदेश में मेडि-टूरिज्म को बढ़ावा देने सहित कई अह्म फैसले लिए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में आज शाम यह निर्णय लिए गए। बैठक में प्रदेश में कृषि मण्डियों के सुदृढ़ीकरण के लिए अहम फैसला लिया है। जिसमें राजस्थान कृषि उपज मण्डी अधिनियम-1961 की धारा 17 एवं धारा 17-ए के वर्तमान प्रावधान मण्डी प्रांगण की चारदीवारी के स्थान पर मण्डी क्षेत्र के प्रावधान के लिए मण्डी अधिनियम में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया है।
इसी तरह मंत्रिमंडल ने राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम,2021 में संशोधन करने का निर्णय लिया। प्रस्ताव की क्रियान्विति के क्रम में एक जनवरी 2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त राज्य कर्मचारियों पर राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम 2021 के प्रावधान लागू होंगे। ये कार्मिक निर्धारित जीपीएफ अभिदान की कटौती कराते हुए जीपीएफ के प्रावधानों के तहत एक जनवरी 2004 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के समान ही जीपीएफ की परिधि में आ जाएंगे।
बैठक में प्रदेश के युवाओं को एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दिलवाने, भूतपूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के नाम से भरतपुर के चिकित्सा महाविद्यालय और विद्यालय का नामकरण करने, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं वर्ष 2022 की बजट घोषणा की पालना में नाथद्वारा में ‘मेडि-टूरिज्म वेलनेस सेंटर‘ की स्थापना एवं संचालन के लिए निर्णय लिया है।
इसी प्रकार भरतपुर के भुसावर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नामकरण जगन्नाथ पहाड़िया के नाम से करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल ने स्थानीय जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए भरतपुर चिकित्सा महाविद्यालय का नामकरण भी श्री पहाड़िया के नाम से करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है।
बैठक में जैसलमेर जिले के ग्राम बांधा में 9479.15 बीघा (2397.54 हैक्टेयर) राजकीय भूमि मैसर्स अडानी रिन्यूवेबल एनर्जी होल्डिंग फॉर लिमिटेड को एक हजार मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए कीमतन आवंटन करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में सौर ऊर्जा पर आधारित उत्पादन ईकाई की स्थापना से विद्युत ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसरों और राज्य की राजस्व अर्जन में भी बढ़ोतरी होगी। यह आवंटन राजस्थान भू-राजस्व (नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित शक्ति संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन) नियम-2007 के तहत होगा।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलोजी संस्थान को सोसाइटी के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही सोसाइटी के बायलॉज का भी अनुमोदन किया। यह सेंटर प्रदेश के युवाओं के लिए फिनिशिंग स्कूल के रूप में स्थापित होगा।
इस निर्णय से अब संस्थान में आईटी की अग्रणी फर्मों के साथ प्रशिक्षण सहभागी के तौर पर एमओयू कर प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू होगी इससे राज्य के तकनीकी स्नातक नवीनतम प्रोद्यौगिकी में कोर्स कर सकेंगे, आईटी इंडस्ट्री में उनकी मांग बढ़ेगी। राज्य में भी तकनीकी विशेषज्ञों की स्थिति और मजबूत होगी।
इससे प्रदेश में युवाओं को नवीनतम आईटी टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स एवं वर्चुअल रियलिटी में सर्टिफिकेट कोर्सेज करने व मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च के अवसर मिलेंगे।