इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने आवश्यक बहुमत जुटाने के लिए छोटे दलों और निर्दलीयों से समर्थन जुटाने की कवायद शुरू कर दी है।
क्रिकेटर से राजनेता बने खान की पार्टी 25 जुलाई काे 272 सदस्यीय नेशनल असेंबली के चुनाव में 116 सीटें हासिल कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन सरकार बनाने के लिए 137 के बहुमत के जादुई आंकड़े से 21 सीटें पीछे रह गई है।
नेशनल एसेंबली में कुल 342 सीटें हैं जिनमें से 272 पर चुनाव होते हैं। साठ सीटें महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। पच्चीस जुलाई को हुए मतदान में दो सीटों पर चुनाव नहीं हुए।
पाकिस्तान के संभावित प्रधानमंत्री श्री खान को आवश्यक बहुमत जुटाने के लिए छोटे दलों और निर्दलीयों का सहारा लेना होगा क्योंकि दूसरे नंबर पर रहने वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और तीसरे नंबर पर रहने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अलावा कई अन्य छोटे राजनीतिक दल चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और सेना के हस्तक्षेप का आरोप लगाकर कड़ा विरोध जता रहे हैं।
खान की पार्टी को एक करोड़ साठ लाख 86 हजार से अधिक वोट हासिल हुए हैं जबकि पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन एक करोड़ 20 लाख 89 हजार वोट मिले और वह दूसरे नंबर पर रही। नवाज शरीफ की पार्टी को 64 सीटें मिलीं। पीपीपी को 43 सीटें मिली हैं।
यही वजह है कि इमरान को अपनी सरकार के गठन में छोटी-छोटी सहयोगी पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी जिनसे बातचीत की प्रक्रिया आज तेज हो गई। इमरान को सेना के सहयोग के आरोपों को यदि सच माना जाए तो उन्हें (इमरान को) समर्थन जुटाने और एसेंबली में अपने बहुमत साबित करने में कोई खास परेशानी नहीं होगी।
नवाज शरीफ की चुनाव में धांधली किए जाने की शिकायतों के कारण मतगणना में भी विलंब हुआ। कुछ छोटी धार्मिक पार्टियों ने दोबारा चुनाव कराने की मांग की है अन्यथा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
खान ने चुनाव में किसी भी प्रकार की अनियमितता की जांच कराने की भी पेशकश की है। हालांकि उनके कट्टर विरोधी पीएमएल-एन और अन्य प्रमुख पार्टियों ने शक्तिशाली सेना के सहयोग से इमरान खान पर जीत हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया है।
यूरोपीय संघ के निगरानी दल ने शुक्रवार को कहा कि इस हफ्ते हुए पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के चुनाव अभियान में ‘समानता की कमी’ थी जिसका मतलब है कि यह सभी दलों के लिए समान अवसरों का चुनाव नहीं था। अमेरिका ने भी इसी प्रकार की चिंता जताई है।
चुनाव आयोग ने शनिवार को 270 सीटाें के परिणाम घोषित कर दिए। इनमें से कुछ पर दोबारा चुनाव हो सकता है इसलिए आखिरी परिणाम में थोड़ी-बहुत हेर-फेर हो सकती है।
बहरहाल खान 137 सांसदों के साथ 21 नए साथियों की तलाश में कई दलों के गठबंधन की सरकार बनाने की कवायद में जुटेे हुए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक हम जल्द ही एसेंबली में अपना बहुमत साबित कर देंगे।