इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने रविवार को नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर के पद छोड़ने से पहले उन्हें अपने 20 बागी सांसदों की बर्खास्तगी की कोशिश के तहत उनके (सांसदों के) खिलाफ शिकायत सौंपी है। ये शिकायतें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दर्ज कराई गई हैं और सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक अमीर डोगर द्वारा अध्यक्ष को सौंपी गई।
शिकायतें पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 63-ए के तहत दायर की गई हैं, जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के चुनाव या विश्वास मत अथवा अविश्वास मत के दौरान संसदीय दल के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए दलबदल के आधार पर नेशनल असेंबली के सदस्य की अयोग्यता का सुझाव देता है।
शिकायतों में कहा गया है कि ‘बड़े पैमाने पर प्रसारण और वीडियो’ के माध्यम से उजागर हुआ कि बागियों ने पीटीआई का साथ छोड़कर प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए विपक्ष का दामन थाम लिया था और दलबदल के कृत्यों के लिए कोई खंडन भी जारी नहीं किया गया था। बागी सांसदों को यह स्पष्ट करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे कि उनके खिलाफ नेशनल असेंबली से उन्हें हटाने की घोषणा क्यों नहीं जारी की जानी चाहिए, लेकिन वे उनका जवाब देने या अपनी स्थिति स्पष्ट करने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सदस्य अपने ‘पवित्र कर्तव्य’ का पालन करने में विफल रहे हैं और दूसरी पार्टी के प्रति वफादारी दिखाकर पीटीआई, मतदाताओं और जनता का विश्वास तोड़ा है तथा ‘लोकतांत्रिक प्रणाली को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है और पीटीआई के मकसद’ को भी नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने अध्यक्ष से अनुच्छेद 63-ए के तहत सदस्यों को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया क्योंकि वे पीटीआई से अलग हो गए थे। पिछले महीने, यह खुलासा हुआ था कि कम से कम 24 पीटीआई सदस्य इस्लामाबाद के सिंध हाउस में रह रहे थे।
जहांगीर तारीन समूह के नाम से जाने जाने वाले पीटीआई के विद्रोही गुट के सदस्य राजा रियाज ने दावा किया था कि वे ‘सुरक्षा चिंताओं’ के कारण सिंध हाउस चले गए थे। उन्होंने कहा कि वहां मौजूद 24 पीटीआई सदस्य ‘अपने विवेक के अनुसार’ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करेंगे।