जयपुर। भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और लेखक कादर खान का 31 दिसंबर 2018 को निधन हुआ। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में अंतिम साँस ली थी। 3 जनवरी 2019 को कनाडा में कादर खान के पार्थिव शरीर को दफनाया गया। कादर खान के अंतिम संस्कार में काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। बता दें, कादर खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ समय से कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे। कादर खान ने वर्ष 1973 में ‘दाग’ फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसमें राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे। उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कादर खान को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि था कि कादर खान जी ने अपने शानदार अभिनय कौशल से स्क्रीन को रौशन किया तथा अपने अनूठे अंदाज़ से सबका मनोरंजन किया, उनके जाने का बेहद दुख है। कादर खान को प्रोग्रेसिव सुपरान्यूक्लियर पाल्सी (पीएसपी) नामक बीमारी थी, जिसकी वजह से उन्हें संतुलन बनाने में तथा चलने-फिरने में दिक्कत होती थी। इसके अतिरिक्त उन्हें डिमेंशिया की भी समस्या थी।
अभिनेता गिरीश कर्नाड ने कहा दुनिया को अलविदा
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता गिरीश कर्नाड का 10 जून 2019 को निधन हो गया। वे 81 साल के थे। गिरीश कर्नाड पिछले कई दिनों से बीमार थे। गिरीश कर्नाड ने सलमान खान की फिल्म ‘एक था टाइगर’ और ‘टाइगर जिंदा है’ में भी काम किया था। वे दस बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं। उन्हें दक्षिण भारतीय रंगमंच और फिल्मों का पितामह माना जाता था। गिरीश कर्नाड भारत में आठ जननपीठ सम्मान पाने वाले लोगों में से एक थे। उनके द्वारा लिखे गए – हयावदना, ययाति, तुगलक जैसे नाटक को बतौर सिलेबस कर्नाटक और अन्य दूसरे राज्यों में पढ़ाया जाता है। गिरीश कार्नाड का जन्म 19 मई 1938 को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। गिरीश कार्नाड एक जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार थे।
अजय देवगन के पिता और फिल्मों के फाइट मास्टर वीरू देवगन नहीं रहे
फिल्म अभिनेता अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का 27 मई 2019 को मुंबई में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। वीरू देवगन मशहूर स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर और डायरेक्टर थे। उन्होंने विभिन्न फिल्मों में स्टंट निर्देशन किया था।
वीरू देवगन का जन्म पंजाब के अमृतसर में देवगन परिवार में हुआ था। वीरू देवगन ने 80 से अधिक हिंदी फिल्मों के लिए लड़ाई और एक्शन दृश्यों को कोरियोग्राफ किया था। इसके अलावा उन्होंने एक फिल्म भी निर्देशित की है, जिसका शीर्षक ‘हिंदुस्तान की कसम है’, जो 1999 में रिलीज हुई थी। वीरू देवगन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया था।
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या सिन्हा का निधन
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या सिन्हा का 15 अगस्त 2019 को मुंबई में निधन हो गया। वे 71 वर्ष की थी। विद्या सिन्हा की तबीयत काफी दिन से खराब थी। उन्हें फेफड़े एवं हृदय संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया। वे आखिरी बार ‘कुल्फी कुमार बाजेवाला’ सीरियल में नजर आई थीं। उन्होंने इस सीरियल में सिकंदर की मां का रोल निभाया था। वे बासू चटर्जी निर्देशित फिल्म रजनीगंधा में अपने अभिनय से प्रसिद्धि के शिखर तक पहुंची थी। विद्या सिन्हा का जन्म मुंबई में 15 नवंबर 1947 को हुआ था। उनके पिता प्रताप राणा एक फिल्म प्रोड्यूसर थे। वे जब 18 साल की थीं, तभी उन्होंने मॉडलिंग शुरू कर दी। वे साल 2011 में आई फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ में भी नजर आई थीं। उन्होंने कई फिल्मों- ‘छोटी सी बात’, ‘रजनीगंधा’, ‘पति, पत्नी और वो’ में काम किया था।
भारतीय सिनेमा के मशहूर संगीतकार ‘खय्याम’ ने कहा दुनिया को अलविदा
भारतीय सिनेमा के मशहूर संगीतकार मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी का 20 अगस्त 2019 को निधन हो गया। वे 93 साल के थे। उन्हें पिछले कुछ समय से सांस लेने में परेशानी की वजह से मुंबई के जुहू में एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। खय्याम का पूरा नाम ‘मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी’ था लेकिन फिल्म जगत में उन्हें ‘खय्याम’ के नाम से प्रसिद्धी मिली थी। उन्हें ‘कभी-कभी’ तथा ‘उमराव जान’ जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। खय्याम ने कई सुपरहिट फिल्मों में संगीत दिया था।
शोले में ‘कालिया’ का किरदार निभाने वाले अभिनेता विजू खोटे का निधन
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता विजू खोटे का 30 सितंबर 2019 को निधन हो गया है। वे 78 वर्ष के थे। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने मुंबई के अपने घर में अंतिम सांस ली। विजू खोटे ने फिल्म ‘शोले’ में ‘कालिया’ का किरदार निभाया था। इसी किरदार से लोगों के दिलों पर इतनी गहरी छाप छोड़ी कि आज भी उन्हें कालिया के चरित्र के लिए जाना जाता है। उन्होंने हिंदी फिल्मों के अतिरिक्त मराठी फिल्मों में भी काम किया है।
अभिनेता और रंगकर्मी श्रीराम लागू का निधन
प्रसिद्ध अभिनेता श्रीराम लागू का 17 दिसंबर 2019 को पुणे में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे। उन्हें मराठी थिएटर में तो 20वीं सदी के सबसे अच्छे कलाकारों में गिना जाता था। श्रीराम लागू मराठी थिएटर के सबसे अच्छे कलाकार थे। वे पेशे से डॉक्टर भी थे। वे प्रगतिशील और तर्कसंगत सामाजिक कारणों को आगे बढ़ाने में भी बहुत मुखर और सक्रिय रहे हैं। उन्होंने और सामाजिक कार्यकर्ता जीपी प्रधान ने भ्रष्टाचार-विरोधी अन्ना हजारे के समर्थन में उपवास किया था। श्रीराम लागू मराठी थिएटर के बहुत ही अच्छे कलाकार थे और वे पेशे से डॉक्टर थे। लागू ने अपने कैरियर में करीब 100 से ज्यादा हिंदी और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किया है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार