नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे के उच्चाधिकारियों की कार्य समीक्षा में अक्षम, संदेहास्पद निष्ठा रखने वाले और प्रतिकूल आचरण वाले 32 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है।
रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगस्त में जारी एक परिपत्र के निर्देशों के अनुसार सभी जोनल रेलवे, उत्पादन इकाइयों में रेल अधिकारियों के काम की समीक्षा की गई।
सूत्रों ने बताया कि अफसरों के काम की समीक्षा विभिन्न स्तरों पर गठित की गयीं समितियों द्वारा की गयीं। कुल 1780 अधिकारियों की समीक्षा के बाद 32 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया गया।
इनमें से ग्रेड ‘ए’ के 1410 अधिकारियों की समीक्षा करके 22 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। रेलवे बोर्ड की आरबीएसएस और आरबीएसएसएस मिस्लीनियस ‘ए’ और ‘बी’ के क्रमश: 131 और 118 अधिकारियों के काम की समीक्षा की गई जिनमें दो-दो अधिकारियाें को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय हुआ। सी एंड डी सेवा के 121 अधिकारियों की समीक्षा करके छह को घर भेजने का फैसला हुआ। सूत्रों ने बताया कि जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड और गैर राजपत्रित अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा अभी जारी है।