उदयपुर | राजस्थान में नेत्रदान-महादान को लेकर जयपुर के बाद उदयपुर जिला दूसरे स्थान पर है।
महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग की काउंसलर रेखा जीनगर ने बताया कि वर्ष 2019 में अब तक 118 नेत्रदान हो चुके है, जो अपने आप में कीर्तिमान है। उन्होंने बताया कि इस पुनीत कार्य में हर समाज-वर्ग के लोग अपनी भागीदारी निभा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक 30 कार्निया अब तक उदयपुर सहित प्रदेश के अन्य अस्पतालों में जरूरतमंदों को लगाए गए है।
उन्होंने बताया कि विश्व के कई देशों में अंगदान का अधिकार प्राप्त है। श्रीलंका जैसा छोटा देश पूरे विश्व को कॉर्निया की सप्लाई करता है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की दोनो आंखों में 2-4 पुतलियां-कॉनियल होती है जो किसी अंधता से पीडि़त असहाय व्यक्ति के जीवन में रोशनी ला सकती है। साथ ही व्यक्ति के मरणोपरान्त भी छह से आठ घंटे के भीतर उसकी कॉर्निया निकालकर काम में ली जा सकती है।