नई दिल्ली। देश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यसभा में तेलुगु देशम पार्टी के छह में से चार सांसद गुरुवार को तेदेपा छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
वाईएस चौधरी, सीएम रमेश, टीजी वेंकटेश और जी मोहन राव उस समय भाजपा में शामिल हुए जब तेदेपा के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू विदेश यात्रा पर गए हैं।
इन चारों सांसदों ने बैठक कर पहले यह प्रस्ताव पारित किया कि तेदेपा संसदीय दल का भाजपा में विलय किया जाता है। इस प्रस्ताव को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा गया जिसे शाह ने स्वीकृति दे दी।
इस प्रस्ताव को भाजपा के स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव के साथ राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंप दिया। इन सांसदों ने कहा कि सभापति इस विलय को मंजूरी दें और सदन में उन्हें भाजपा का सांसद माना जाए।
बाद में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी मुख्यालय में तीन सदस्यों चौधरी, रमेश एवं वेंकटेश का भाजपा में स्वागत किया। जी मोहन राव पैर में चोट लगने के कारण वह भाजपा मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके।
तेदेपा के राजग में रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री रहे चौधरी ने कहा कि चुनाव में देश का मूड देखने के बाद हम सबने राष्ट्रनिर्माण के काम में भागीदार बनने के लिए ये फैसला किया। उन्होंने कहा कि वे आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून के क्रियान्वयन करने के लिए समन्वय से काम करना चाहते हैं, न कि टकराव के।
नड्डा ने बताया कि तेदेपा के चारों सांसदों का लंबे समय से विचार था कि वे आंध्र प्रदेश के विकास के सकारात्मक एजेंडे को बल देने के लिए भाजपा में शामिल होना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि वह इन सांसदों को विश्वास दिलाते हैं कि भाजपा राज्य में सकारात्मक राजनीति करेंगे और सबका विश्वास लेकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि चारों आंध्रप्रदेश के ज़मीनी नेता हैं और वे भाजपा को पूरी ताकत के साथ मजबूत करेंगे।
राज्यसभा में तेदेपा के छह सांसद थे। इस तरह से दो तिहाई सांसदों ने पार्टी बदली है, इसलिए उन पर दल बदल निरोधक कानून लागू नहीं होगा। उच्च सदन में अब के रवीन्द्र कुमार और थोटा सीताराम लक्ष्मी ही तेदेपा के सदस्य के रूप में रह गए हैं।