जयपुर। साल 2019 कई चीजों के लिए याद रखी जाएगी। यह साल देश की सर्वेच्च अदालत के उन फैसलों के लिए भी याद रखा जाएगा जिसने देश की स्थिति पर सबसे ज्यादा असर डाला और कई विवादास्पद मुद्दों को सुलझा दिया। अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला हो या सीजीआई को आरटीआई के दायरे में लाने का फैसला, सभी फैसलों ने देश को एक नई दिशा दी। यह रहे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए गए बड़े फैसले।
1. वर्षों पुराना अयोध्या मामला सुलझा
दशकों पुराने भूमि विवाद को इस साल सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया। अयोध्या में जमीन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। लगभग 40 दिन चली बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि का कब्जा सरकारी ट्रस्ट को दे दिया। कोर्ट के फैसले के मुताबित रामलला’ को 2.77 एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया गया है। दूसरी तरफ, सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन का एक ‘उपयुक्त’ प्लॉट दिया जाएगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक और ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि अब मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय भी सूचना के अधिकार के तहत आएगा। पहले कोर्ट ने इसी साल इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
2. राफेल डील में मोदी सरकार को मिली क्लीन चिट
इस साल सबसे ज्यादा विवाद जिन मुद्दों पर हुआ उनमें राफेल विमान की खरीदारी महत्वपूर्ण मुद्दा रही। राहुल गांधी ने सरकार को कई बार इस मुद्दे को लेकर कटघरे में खड़ा किया। राफेल विमान का मुद्दा न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी छाया रहा। जब यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सरकार को वहां क्लीन चिट मिली। दरअसल कोर्ट ने राफेल विमान सौदे को लेकर दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया। इससे डील में धांधली का आरोप लगा रहे विपक्ष, खासकर कांग्रेस को करारा झटका लगा।
3. कर्नाटक के अयोग्य विधायकों के मामले में सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल कर्नाटक में मचे सियासी घमासान पर भी एक बड़ा फैसला सुनाया। दरअसल कर्नाटक में हुए सियासी उठापटक के बाद 17 विधायक अयोग्य ठहराए गए थे। यहां कांग्रेस और जेडीएस की सरकार थी, 17 विधायक बागी हो गए और कांग्रेस और जेडीएस की सरकार गिर गई थी। इसके बाद बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बनाई थी। इसके बाद कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने दल-बदल कानून के तहत 17 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले को सही ठहराया। हालांकि कोर्ट ने यह भी अपने फैसले में कहा था कि अयोग्य विधायक उपचुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।
4. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की दी इजाजत
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को रोकने के लिए साल 2006 में राज्य के यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई साल दर साल टलती गई। दरअसल, मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दोनों पक्षों के अपने- अपने अलग तर्क हैं। एक का मानना है कि अनुमति मिलनी चहिेए, तो वहीं दूसरा पक्ष इसके विरोध में है। फिलहाल कोर्ट ने दोनों पक्षों की भावनाओं को गंभीरता से लेते हुए मामले को सात जजों की पीठ को सौंप दिया है जिस पर फैसला आना बाकी है। फैसला आने तक हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
5. महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर सुनाया बड़ा फैसला
इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद वहां सरकार बनाने को लेकर सियासी उठापटक शुरू हो गया था। इस मामले में भी सुर्पीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले को सुलझाया। दरअसल दशकों से साथ रहे बीजेपी और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र में सत्ता की चाह ने दरार पैदा कर दी। आनन-फानन में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ग्रहण भी कर ली। विपक्षी पार्टी ने बीजेपी के पास जरूरी विधायक दल का समर्थन न होने का दावा किया। साथ ही पूरी प्रक्रिया को असंवेधानिक करार देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने विपक्ष को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया की बहुमत साबित करने का लाइव प्रसारण होना चाहिए। इस तरह कोर्ट ने अपनी निर्णायक भूमिका का निर्वहन कर एक बड़ा फैसला दिया।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार